सिलीगुड़ी: तृणमूल के सांसद और सारधा के मीडिया ग्रुप के सीइओ रहे कुणाल घोष ने अपने बयान से सीधे सरकार पर निशाना साध दिया है. उनका कहना कि यदि मैंने 200 करोड़ कमाये, तो सरकार के लोग भी 2000 करोड़ रुपये कमा चुके हैं. मैं सजा भोगने के लिए तैयार हूं, लेकिन उन्हें भी सजा मिले, जिन्होंने हजारों करोड़ सारधा से खाये हैं.
कुणाल घोष के इस बयान ने राजनीतिक खेमे में हलचल मचा दी है. भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी साख बचानी है, तो सुदीप्तो सेन के खिलाफ सीबीआइ जांच कराये. सारधा चिटफंड से बंगाल सहित चार अन्य राज्यों के लोग भी तबाह हुए हैं. अन्य राज्य जब सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं, तो बंगाल को पहले करना चाहिए. चिटफंड से ही यह सरकार बनी है. इसलिए यह सरकार उसे बचाने में लगी है.
राहुल सिन्हा ने बताया कि तृणमूल और वाम मोरचा में कोई अंतर नहीं. दोनों खून-खराबे की राजनीति में विश्वास करती हैं. चुनाव में खून बहा कर सत्ता पर काबिज होना इनका ट्रेड मार्क है. उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को तमाम तरह से बाधा दी गयी. प्रशासन और पुलिस सत्ता पक्ष को खुश करने में लगी है. हमारी शिकायतों पर गौर नहीं किया जाता. हम जनता दरबार में इंसाफ के लिए जायेंगे. उन्होंने बताया कि 18 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी के महासचिव व पश्चिम बंगाल के पर्यवेक्षक वरूण गांधी सिलीगुड़ी पधारेंगे.