जिले के नाम पर ममता कर रही हैं राजनीति
सिलीगुड़ी. जिला बनाने के नाम पर राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री पूरी तरह से राजनीति कर रही हैं. विकास से इसका कोई लेना-देना नहीं है. मुख्यमंत्री की नजर विधानसभा चुनाव से पहले वोट बैंक बनाने पर है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर तथा माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य ने कुछ इसी अंदाज में ममता […]
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ महीने बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव होना है. मुख्यमंत्री की निगाहें विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई हैं. इन चुनावों में लाभ उठाने के लिए ही उन्होंने कालिम्पोंग सहित पांच नये जिले बनाने की घोषणा की है. अगर प्रशासनिक कारणों से उन्होंने निर्णय लिया होता तो सिलीगुड़ी को भी अलग जिला बनाया जाना चाहिए. उन्होंने सिलीगुड़ी को अलग जिला बनाने की मांग का समर्थन किया. उनका कहना था कि यदि एकमात्र विधानसभा सीट को लेकर कालिम्पोंग को अलग से जिला बनाया जा सकता है तो सिलीगुड़ी में तो कई विधानसभा सीटें हैं.
ऐसे में सिलीगुड़ी को अलग जिला क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने साफ-साफ कहा कि कालिम्पोंग को अलग जिला बनाने से वहां के लोगों को कोई लाभ नहीं होगा. इससे पहले मुख्यमंत्री अलीपुरद्वार को अलग जिला बना चुकी हैं. वहां की स्थिति जस की तस बनी हुई है. जिला बनाये जाने के बाद भी अलीपुरद्वार में कोई काम नहीं हुआ है. कमोबेश ऐसी ही स्थिति कालिम्पोंग की भी होगी. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में ममता बनर्जी की लोकप्रियता अब पहले जैसी नहीं रही है.
उनकी लोकप्रियता में भारी कमी आयी है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में उन्हें हार की आशंका सता रही है. चुनाव में जीत के लिए वह कोई भी कदम उठा सकती हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विधानसभा चुनावों में फायदा उठाने के लिए गुडों एवं बदमाशों को भी अपनी पार्टी में शामिल कर रही हैं. यह मुख्यमंत्री के लिए एक छलावा जैसा है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की करारी हार होगी. राज्य विधानसभा का चुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के तर्ज पर होगा. केन्द्रीय बलों की तैनाती में चुनाव संपन्न कराया जायेगा. ऐसी स्थिति में तृणमूल कांग्रेस के दबंग लोग चाह कर भी कोई गड़बड़ी नहीं कर सकते.