निगम पर साढ़े 10 करोड़ का ऋण

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम गंठबंधन बोर्ड से पिछले चार साल से बेहाल है. बोर्ड जोड़ने और तोड़ने में ही समय बीत गया. अंतिम समय में स्टेट अर्बन डेवलोपमेंट ऑथोरिटी (सुडा) ने कारण बताओ नोटिस तथा इंदिरा आवास परियोजना के तहत 10 करोड़ 35 लाख रूपये गलत जगह खर्च करने के तहत नगर निगम से पैसा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2013 8:10 AM

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम गंठबंधन बोर्ड से पिछले चार साल से बेहाल है. बोर्ड जोड़ने और तोड़ने में ही समय बीत गया. अंतिम समय में स्टेट अर्बन डेवलोपमेंट ऑथोरिटी (सुडा) ने कारण बताओ नोटिस तथा इंदिरा आवास परियोजना के तहत 10 करोड़ 35 लाख रूपये गलत जगह खर्च करने के तहत नगर निगम से पैसा वापस मांगा है. वह भी नौ फीसदी ब्याज दर के साथ.

इस नोटिस से बोर्ड के हाथ-पैर फूल गये हैं. समाधान की जगह आरोप का दौर शुरू हो गया है. कारण यह परियोजना 2007 की है. हर कोई अपना दामन इससे बचाना चाहता है. तृणमूल पार्षद रंजनशील शर्मा ने कहा कि मेयर गंगोत्री दत्ता के कारण केंद्र ने विभिन्न परियोजना बंद कर दिया.

पार्षद कृष्ण चंद्र पाल ने कहा कि कांग्रेस की यह बोर्ड 29 दिन हीमघर में रहती है. मासिक बैठक के दिन ही इनका चेहरा दिखता है. इस पर कोई जांच कमेटी भी गठित नहीं की गयी. ऐसे में समस्या का समाधान कैसे हो? पार्षद जयदीप नंदी ने कहा कि म्यूनशिपल एकाउंट कमेटी ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है. इसके खिलाफ वामपंथी पार्षद मौन रहते है. वाम और कांग्रेस मिल कर बोर्ड चला रहे है. दूसरी ओर इस मासिक बैठक में मुकुल सेन गुप्ता सहित अन्य वाम पार्षदों ने जलापूर्ति और कचड़ा प्रबंधन की समस्या को उठाया.

वार्ड 29 के शरदेंदू चक्रवर्ती, कमल अग्रवाल और दिलीप सिंह ने कम्यूनिटी हॉल की परिसेवा पर सवाल उठया. कारण विद्युत था साफ-सफाई के लिए पैसा का वहन कौन करेगा? बिजली विभाग की एमआईसी व उपमेयर सविता देवी अग्रवाल ने कहा कि कम्यूनिटी हॉल के बिजली का बिल अधिक आता है, साथ ही विभिन्न उपकरण चोरी हो जाते है. इसलिए पार्षदों के साथ इसके परिसेवा को लेकर बैठक की जरूरत है. स्वास्थ्य विभाग की परिसेवा और जलापूर्ति को लेकर भी चर्चा हुई. मेयर गंगोत्री दत्ता ने बताया कि इंदिरा गांधी आवास योजना को लेकर मैंने रिपोर्ट तैयार की है. अगली बैठक में इसे पेश करूंगी.

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