सिलीगुड़ी कॉलेज के शारीरिक शिक्षा विभाग में सांप का आतंक

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी कॉलेज, उत्तर बंगाल का प्रतिनिधि कॉलेज है. उत्तर बंगाल के छात्रों की यह पहली पसंद है. 12 वीं में सर्वाधिक अंक पाने वाले छात्रों को ही यहां पढ़ने का मौका मिलता है. कॉलेज में दर्जनों समस्या से छात्र कई वर्षो से दो-चार हो रहे है, लेकिन कॉलेज प्रशासन किसी तरह की कार्रवाई नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2013 9:13 AM

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी कॉलेज, उत्तर बंगाल का प्रतिनिधि कॉलेज है. उत्तर बंगाल के छात्रों की यह पहली पसंद है. 12 वीं में सर्वाधिक अंक पाने वाले छात्रों को ही यहां पढ़ने का मौका मिलता है. कॉलेज में दर्जनों समस्या से छात्र कई वर्षो से दो-चार हो रहे है, लेकिन कॉलेज प्रशासन किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा है.

गुरूवार को 15 सूत्री मांग को लेकर तृणमूल समर्थक स्टुडेंट्स यूनियन की ओर से गवर्निग बॉडी के अध्यक्ष तथा सिलीगुड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मलय कांति करंजई को ज्ञापन सौंपा. साथ ही कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी. स्टुडेंट्स यूनियन के महासचिव प्रसन्नजीत मंडल ने बताया कि इस कॉलेज के शारीरिक शिक्षा विभाग कई वर्षो से बंद है. वहां सांप व छुछुंदर का बसेरा हो गया है. छात्र वहां जाने से डरते है. कॉलेज में चारों तरह जंगल उग आये है. कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

यूनियन का अपना कोई रूम नहीं है. जहां पर छात्र-हित के लिए विचार-विमर्श किया जा सके. शिक्षकेत्तर कर्मचारी तो अधिकारियों की तरह व्यवहार करते है. एक कर्मचारी, दूसरे कर्मचारी के पास, दूसरे तीसरे के पास भिजवाता है. अंत में छात्र मायूस होकर लौट जाता है. किसी तरह से हमें सहयोग नहीं किया जाता. सरकारी विभिन्न योजनाओं का लाभ हमें नहीं मिलता न ही हमें इसके विषय में ठीक से बताया जाता है. सुरक्षा गार्ड के पास खुद के सुरक्षा के लिए कुछ भी नहीं.

यहां तक कि उसके पास खुद का आई कार्ड नहीं. वह भला कैसे बाहर के छात्रों का आई कार्ड देखकर प्रेवश करने और न करने के लिए कहेगा. बाहर के छात्र सुरक्षा गार्ड के साथ र्दुव्‍यवहार करते है. शौचालय की अवस्था एकदम खराब है. सड़क की अवस्था एकदम जर्जर है. पिछले दिनों नेपाली विभाग की शिक्षिका गीता देवान, जो गर्भावस्था में है, वह दुर्घटना का शिकार होते-होते बच गयी. छात्र तेज रफ्तार से कॉलेज में प्रवेश करते है. लेकिन कॉलेज प्रशासन इसपर कार्रवायी करने बजाय मूक दर्शक की भूमिका निभा रहा है. कॉलेज में कैंटिन है. लेकिन इसकी सेवा कोई ले नहीं पाता. कारण यह चौथे तल्ले में है. इसतरह की अनेक समस्या है. प्राचार्य डॉ मलय कांति करंजयी ने कहा कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा.

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