वामपंथियों का एसजेडीए पर हल्लाबोल
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) के प्रशासनिक भवन पर सोमवार को वामपंथियों ने एकबार फिर हल्लाबोल किया. दो सौ करोड़ के कथित आर्थिक घोटाला प्रकरण के मद्देनजर वामपंथियों ने स्थानीय जिला पार्टी मुख्यालय अनिल विश्वास भवन के सामने से विशाल रैली निकाली. रैली हिलकार्ट रोड, सेवक मोड़, एयरव्यू मोड़, महानंदा सेतु होते हुए तेनजिंग नोर्गे […]
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) के प्रशासनिक भवन पर सोमवार को वामपंथियों ने एकबार फिर हल्लाबोल किया. दो सौ करोड़ के कथित आर्थिक घोटाला प्रकरण के मद्देनजर वामपंथियों ने स्थानीय जिला पार्टी मुख्यालय अनिल विश्वास भवन के सामने से विशाल रैली निकाली.
रैली हिलकार्ट रोड, सेवक मोड़, एयरव्यू मोड़, महानंदा सेतु होते हुए तेनजिंग नोर्गे बस टर्मिनस के पास स्थित एसजेडीए के प्रशासनिक भवन के सामने पहुंचकर घेराव में तब्दील हो गया. माकपा के राज्य सचिव मंडली के सदस्य व सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य एवं वाम मोरचा के दार्जिलिंग जिला इकाई के संयोजक जीवेश सरकार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि दल ने एसजेडीए के सीइओ के मार्फत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ज्ञापन भेजा. अशोक भट्टाचार्य ने ममता सरकार पर दो सौ करोड़ के आर्थिक घोटाले के मामले पर लीपापोती करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले ममता किसी तरह का रिस्क और बदनामी नहीं लेना चाहती. ममता सरकार सीआइडी की जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रही है.
तणमूल सरकार के हस्तक्षेप और दबाव की वजह ही सीआइडी भी एसजेडीए के पूर्व सीइओ गोदाला किरण कुमार की दहलीज से आगे बढ़ने का साहस नहीं जुटा पा रही और आरोपी तणमूल व कांग्रेस के नेता-मंत्री एवं एसजेडीए के अधिकारी व ठेकेदार सीना तान कर घूम रहे हैं. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि ममता चाहे जितनी भी विकास की झूठी राग अलापे लेकिन जनता को पायी-पायी का हिसाब देना ही होगा. वैसे भी विधानसभा चुनाव अब नजदीक है. वाम मोरचा मां-माटी-मानुष सरकार की कोरा चिट्ठा बंगाल की जनता के सामने उजागर करेगी. आज के घेराव-प्रदर्शन के मार्फत वामपंथियों ने तणमूल सरकार को धमकी देते हुए कहा कि एसजेडीए घोटाले की निष्पक्ष जांच हेतु सीबीआइ से कराये, आरोपी नेता-मंत्रियों, अधिकारियों व ठेकेदारों की धर-पकड़ कर गहन पूछताछ एवं सख्त कार्रवायी की जाये. अन्यथा वाम मोरचा वृहत्तर आंदोलन के लिए बाध्य होगी.