यह बातें तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थ चटर्जी ने कही. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि माकपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन कोई बड़ी बात नहीं है. माकपा शुरू से ही गठबंधन कर ही चुनाव लड़ती रही है. माकपा के नेतृत्व में जो वाम मोरचा है, वह विभिन्न दलों का गठबंधन ही है. इस मोरचे में कांग्रेस नाम की एक और पार्टी शामिल हो जायेगी. दोनों दलों के बीच यदि विधानसभा चुनाव में गठबंधन होता है, तो इसमें किसी को कोई आश्चर्य नहीं होगा.
उन्होंने दोनों ही पार्टियों पर सुविधावादी राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वाम मोरचा के 34 साल के शासनकाल में कांग्रेस के साथ उनकी सीधी भिड़न्त होती रही. वाम मोरचा के शासनकाल में माकपाइयों के हाथों हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता मारे गये. आम कांग्रेस कार्यकर्ता इस गठबंधन को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे और उनका वोट तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में जायेगा. उन्होंने माकपा नेता तथा सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अशोक भट्टाचार्य साधारण नगर निगम चुनाव जीतकर इतरा रहे हैं. इसमें इतराने जैसी कोई बात नहीं है.
एक छोटा चुनाव जीतकर इसे अशोक मॉडल का नाम दिया जा रहा है. इसमें अशोक मॉडल जैसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अशोक भट्टाचार्य को यदि मॉडल बनने का इतना ही शौक है तो उन्हें कुम्हार टोली जाकर अपनी एक मूर्ति बनवा लेनी चाहिए. उन्होंन कांग्रेस नेताओं की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि माकपा कभी भी भरोसेमंद पार्टी नहीं रही है. उसके बाद भी कांग्रेस के नेता विधानसभा चुनाव में वाम मोरचा के साथ गठबंधन करने की वकालत कर रहे हैं.