राज्य सरकार की गलत नीतियों की वजह से नहीं हो रहा निवेश, जमीन कानून और नीति-नियमों में बदलाव की जरूरत
चुनाव से पहले उद्योगपतियों को केंद्र से आस
सिलीगुड़ी : बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले उद्योगपतियों ने उत्तर बंगाल में बड़े उद्योगों के बढ़ावा देने के लिए अब केंद्र सरकार से मदद की उम्मीद लगा रखी है. गुरूवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान नॉर्थ बंगाल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव सुरजीत पाल ने कहा कि उत्तर बंगाल में बड़े स्तर के उद्योगों की काफी संभावनाएं हैं.
केंद्र व राज्य सरकार चाहे तो उत्तर बंगाल से बिजली उत्पादन कर भूटान को दी जा सकती है. लेकिन सरकार की उदासीनता व गलत नीतियों की वजह से यहां कोई बड़ा निवेश नहीं करना चाहता. राज्य सरकार बार-बार कहती है कि हम इसके लिए काफी गंभीर हैं लेकिन उचित कदम आजतक नहीं उठाये गये. मुख्यमंत्री ही नहीं, संबंधित विभागों के मंत्रियों, सचिव व अधिकारियों का भी कई बार इस ओर ध्यान आकृष्ठ कराया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
राज्य सरकार की गलत नीतियों के वजह से ही पड़ोसी राज्य सिक्किम को इसका लाभ मिला है़ पार्वत्य क्षेत्र होने के बावजूद वहां 40 से अधिक विभिन्न नामी दवा कंपनियों एवं अन्य ने बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां स्थापित की हैं.
यही वजह है कि पश्चिम बंगाल से काफी छोटा राज्य होने के बावजूद सिक्किम आर्थिक रूप से अधिक मजबूत है. प्रेस-वार्ता के दौरान लघु उद्योग भारती के उत्तर बंगाल इकाई के अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने कहा कि जब-तक राज्य सरकार जमीन कानून और नीति-नियमों में बदलाव नहीं करती, तब-तक केवल उत्तर बंगाल में ही न ही बल्कि दक्षिण बंगाल में भी बड़े निवेश की संभावना काफी कम है. श्री अग्रवाल ने कहा कि वहत स्तर के कल-कारखानों के लिए कई-कई एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है. इसके लिए सस्ते जमीन की भूमिका काफी अहम होती है. उन्होंने एक उदाहरण देकर बताया कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार दो-एक वर्ष पहले ही सिलीगुड़ी के निकट फाटापुकुर, भुटकी, हाथी मोड़ इलाके में कई एकड़ जमीन पर प्लॉट काटकर निवेशकों को आकर्षित करना चाह रही है.
सरकार ने 30 लाख रूपये प्रति बीघा के हिसाब से जमीन लीज पर देना चाहती है. किसी ने भी एक भी प्लॉट नहीं खरीदा. वजह यह है कि जहां ये जमीन हैं उसी इलाके में पांच से दस लाख रूपये प्रति बीघा के हिसाब से जमीन मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल में बड़ा निवेश न होने के और भी कई प्रमुख कारण हैं. जहां सस्ती जमीन उपलब्ध हैं वहां सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी समस्याएं हैं. साथ ही उद्योग स्थापित करने के लिए सरकारी नियम-कानून के सरलीकरण की जरूरत है. सिंग्ल विंडो सिस्टम विकसित करने एवं दफ्तरों के भी ढांचागत विकास की जरूरत है.