नेपाल की तारबंदी का मानस ने किया विरोध

जलपाईगुड़ी़: भारत नेपाल सीमा पर मेची नदी में तारबंदी का विरोध कांग्रेस विधायक तथा विधानसभ एसिडरेंस कमेटी के चेयरमैन मानस भुइयां ने किया है़ वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद वह संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे़ उन्होंने हाथियों के लगातार मौत पर अपनी चिंता भी प्रकट की़ श्री भुइयां ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2016 2:37 AM
जलपाईगुड़ी़: भारत नेपाल सीमा पर मेची नदी में तारबंदी का विरोध कांग्रेस विधायक तथा विधानसभ एसिडरेंस कमेटी के चेयरमैन मानस भुइयां ने किया है़ वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद वह संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे़ उन्होंने हाथियों के लगातार मौत पर अपनी चिंता भी प्रकट की़ श्री भुइयां ने कहा कि नेपाल सरकार द्वारा मेची नदी पर तारबंदी कर दी गयी है़ जहां तारबंदी की गयी है,वह इलाका हाथियों का कोरीडोर है़.

तारबंदी की वजह से हाथियों की आवाजाही प्रभावित हुइ है़ नेपाल सरकार को इस प्रकार से हाथियों की आवजाही बंद करने का कोइ अधिकार नहीं है़ राज्य सरकार को इस मामले में अपना विरोध प्रकट करना चाहिए़ श्री भुइंया ने कहा किडुवार्स,असम,भूटान,नेपाल के बीच हाथियों की नियमति रूप से आवाजाही होती है़ अब नेपाल सरकार ने मेची नदी पर हाथियों के कोरीडोर की तारबंदी कर दी है़ हाथी नेपाल के जंगलों में नहीं जा पा रहे हैं. श्री भुइंया ने ट्रेन से कटकर हाथियों की मौत पर अपनी चिंता प्रकट करते हुए कहा कि हाथियों के इस प्रकार के आकाल मौत को रोके जाने की जरूरत है़ ऐसे मामले में रेलवे तथा वन विभाग को मिलकर काम करना चाहिए,लेकिन दोनों ही विभागों के बीच समन्वय का पूरी तरह से आभाव है़ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बड़ी लाइन बनने के बाद डुवार्स की जंगलों से गुजरने वाली रेल लाइनों पर ट्रेनों की स्पीड काफी होती है़ जबकि स्पीड सीमा निर्धारित की गयी है़ उसके बाद भी इस सीमा का पालन नहीं हो रहा,जिसकी वजह से ऐसी दुर्घटनाएं हो रही है़.

सुरक्षा बढ़ाने पर जोर
श्री भुइंया ने कहा कि जलपाईगुड़ी जिले की सीमाएं कइ अंतराष्ट्रीय सीमओं से लगी हुयी है़ ऐसे में जरूरी है कि वन क्षेत्रों में भी सुरक्षा के तगड़े इंतजाम हों. इसके लिए उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को वन क्षेत्र में सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए कहा गया है़

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