गंगासागर : आस्था के सागर में 12 लाख श्रद्धालुओं ने लगायी डुबकी

गंगासागर से विकास गुप्ता मन में श्रद्धा व आस्था भाव लिये देश के कोने-कोने से आये तकरीबन 12 लाख श्रद्धालुओं ने गंगासागर में शुक्रवार को पुण्य मुहूर्त में स्नान किया. सागरतट पर वैसे तो गुरुवार रात से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. सागरतट में डुबकी लगानेवालों में कुछ ऐसे लोग भी आये थे, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2016 1:26 AM
गंगासागर से विकास गुप्ता
मन में श्रद्धा व आस्था भाव लिये देश के कोने-कोने से आये तकरीबन 12 लाख श्रद्धालुओं ने गंगासागर में शुक्रवार को पुण्य मुहूर्त में स्नान किया. सागरतट पर वैसे तो गुरुवार रात से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. सागरतट में डुबकी लगानेवालों में कुछ ऐसे लोग भी आये थे, जो देर रात 12 बजे से ही अपनी राशि व अपने धार्मिक गुरुओं के कहे मुताबिक सागर में स्नान करते दिखे. इधर, शुक्रवार सुबह 7 बजकर 34 मिनट के पुण्य मुहूर्त में सागरतट पर समूह में लोगों ने परिवार के सदस्यों के साथ आस्था की डुबकी लगायी.
कोई सूर्य देवता को अघ्र्य देते दिखा, तो कोई पूजा पाठ में लीन
पुण्य स्नान के बाद सागरतट में कोई सूर्य देवता के साथ अपने आराध्य पितरों को अर्घ्य देते दिखे, तो कोई सागरतट पर ही विधिवत पूजा पाठ के बाद पूजा-अर्चना कर अपने परिवार में शांति की कामना की. इसी बीच, कई लोग सागरतट पर गउदान करने में भी लीन रहे. कुल मिलाकर पूरे गंगासागर में सागरतट के चारों तरफ श्रद्धा के मोक्षकुंभ में सभी श्रद्धालु भक्ति में लीन थे.
पुरी के शंकराचार्य ने किया शाही स्नान : 15 जनवरी को पुण्य मुहूर्त में पूरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने भक्तों के साथ सुबह 8 बजकर 36 मिनट पर शाही स्नान किया. इस दौरान भक्तों का समूह ने उनके साथ भजन किर्तन करते हुए पूरे विधिवत मंत्रोच्चरण के साथ गंगासागर डुबकी लगायी. शाही स्नान के बाद निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के साथ देश व परिवार में शुख, शांति वृद्धि की कामना की.
श्रद्धालुओं ने कपिलमुनि मंदिर में किये आराध्य के दर्शन
गंगासागर में आस्था का स्नान करनेवाले लोग डुबकी लगाने के बाद कतारों में घंटों खड़े होकर अपने आराध्य देवता कपिलमुनि मंदिर में जाकर देवता के दर्शन किये. इस दौरान मंदिर के बाहर चारों तरफ भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा था. दर्शन के बीच कोई बुजुर्ग अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना कर रहा था, तो कोई अपने जिंदगी के अंतिम पल सुखद तरीके से गुजारने की कामना करते िदखे.

Next Article

Exit mobile version