हरबल अबीर का उत्पादन बढ़ायेगा वन विभाग

जलपाईगुड़ी: होली का त्योहार सामने देखते हुए वन विभाग ने हरबल अबीर का उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके लिए वन मंत्री बिनय कृष्ण बर्मन ने टिम्बर फॉरेस्ट प्रोड्यूस विभाग को विशेष दिशा निर्देश भी जारी किया है. उसके बाद ही विभागीय तत्परता बढ़ गई है. गेंदे के फूल तथा बेल पत्ते से हरबल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2016 1:27 AM

जलपाईगुड़ी: होली का त्योहार सामने देखते हुए वन विभाग ने हरबल अबीर का उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके लिए वन मंत्री बिनय कृष्ण बर्मन ने टिम्बर फॉरेस्ट प्रोड्यूस विभाग को विशेष दिशा निर्देश भी जारी किया है. उसके बाद ही विभागीय तत्परता बढ़ गई है. गेंदे के फूल तथा बेल पत्ते से हरबल अबीर का निर्माण किया जायेगा.

वन मंत्री का कहना है कि होली के त्योहार पर केमिकल अबीर के उपयोग को लेकर आम लोग काफी सजग हो गये हैं. आम लोगों के बीच हरबल अबीर की मांग काफी बढ़ी है. पिछले वर्ष भी होली के समय वन विभाग द्वारा निर्मित हरबल अबीर की मांग काफी अधिक थी. इस वर्ष इसके और भी बढ़ने की संभावना है. इसी वजह से हरबल अबीर का उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.

वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले दो वर्षों से नन टिम्बर फॉरेस्ट विभाग की ओर से सिलीगुड़ी के निकट माटीगाड़ा में इस प्रकार के अबीर का उत्पादन हो रहा है. विभागीय डीएफओ नील रतन पांडा ने बताया है कि वह लोग हरबल अबीर के उत्पादन के लिए गेंदा फूल तथा बेलपत्र बाहर से मंगाते हैं. बेल के पत्ते से हरे रंग तथा गेंदा फूल से पीले रंग के हरबल अबीर का उत्पादन होता है. पिछले वर्ष 150 किलो अबीर का उत्पादन हुआ था, जिसकी बिक्री जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी एवं कूचबिहार के सरकारी दुकानों से की गई. पिछली बार आम लोगों में हरबल अबीर को लेकर जागरूकता तो थी, लेकिन इसके मिलने को लेकर उनके मन में संदेह था. खुले बाजार में अबीर की बिक्री नहीं हुई थी, तब लोगों को यह भी पता नहीं था कि हरबल अबीर कहां से खरीद सकते हैं. इस बार आम लोगों को हरबल अबीर के बारे में अधिक जानकारी दी जा रही है. स्वाभाविक तौर पर इसकी मांग बढ़ने की संभावना है. वन विभाग ने इस वर्ष 250 से 500 किलोग्राम तक हरबल अबीर तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. 250 ग्राम के पैकेटों में इनकी बिक्री की जायेगी.

क्या कहते हैं वन मंत्री

राज्य के वन मंत्री बिनय कृष्ण बर्मन का कहना है कि पूरे राज्य में 21 सरकारी पार्क है. इसके अलावा वन विभाग 36 और पार्कों का देखरेख करती है. जाड़े के समय इन पार्कों में बड़े पैमाने पर गेंदे के फूल खिलते हैं. इस बार हरबल अबीर बनाने के लिए इन्हीं पार्कों से गेंदा के सूखे हुए फूल मंगाये जायेंगे. उन्होंने कहा कि केमिकल अबीर का उपयोग काफी हानिकारक है. इसके उपयोग को लेकर आम लोगों में जागरूकता काफी बढ़ी है. स्वाभाविक तौर पर होली के समय हरबल अबीर की बिक्री में काफी बढ़ोत्तरी होगी.

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