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एक बार फिर हाथी ने मचाया कोहराम, आधा दर्जन लोग घायल
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के रिहायशी इलाके में एक हाथी के धमा-चौकड़ी मचाने का अभी 48 घंटे भी नहीं बीता कि एक बार फिर शुक्रवार को शहर से सटे जलपाईगुड़ी जिले के बैकुंठपुर, राजगंज, गदयागच्छ, आमबाड़ी, कुंदलतुही इलाके में एक पूर्ण वयस्क हाथी ने तकरीबन पांच घंटे (सुबह साढ़े पांच बजे से 10 बजे तक) जमकर तांडव […]
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के रिहायशी इलाके में एक हाथी के धमा-चौकड़ी मचाने का अभी 48 घंटे भी नहीं बीता कि एक बार फिर शुक्रवार को शहर से सटे जलपाईगुड़ी जिले के बैकुंठपुर, राजगंज, गदयागच्छ, आमबाड़ी, कुंदलतुही इलाके में एक पूर्ण वयस्क हाथी ने तकरीबन पांच घंटे (सुबह साढ़े पांच बजे से 10 बजे तक) जमकर तांडव मचाया.
आज एकबार फिर लोगों की भीड़ ने हाथी को बौखलाने के लिए मजबूर किया. दो-तीन बार जंगल का रूख करने के बावजूद भीड़ ने हाथी को गांव की ओर पलटने को बाध्य किया. इसका खामियाजा भी ग्रामीणों को भुगतना पड़ा. लोगों के पागलपन से बौखलाए हाथी ने जान-माल का भारी नुकसान किया. दर्जनों घर-दुकान तहस-नहस कर दिया. लाखों की संपत्ती उजाड़ दी. गुस्साये हाथी ने एक चाय श्रमिक को पैरों तले रौंद डाला. आमबाड़ी के ढालगंज निवासी व पेशे से चाय श्रमिक नरेन राय ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. वहीं, चार वन कर्मचारियों समेत आधे दर्जन ग्रामीणों के जख्मी होने की पुष्टि हुई है.
वन विभाग की गाड़ी को हवा में उड़ाया
वन विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बेकाबू हाथी को काबू में करने के लिए मालबाजार रेंज के सात वन कर्मचारियों की टीम जब अपने वाहन से आमबाड़ी क्षेत्र में मौके पर पहुंची, तभी बौखलाया हाथी ठीक वाहन के सामने आ खड़ा हुआ और वाहन को कर्मचारियों समेत हवा में उड़ा दिया.
इस हादसे में चार वन कर्मचारियों के जख्मी होने की पुष्टि हुई है. चारों वाहन के नीचे दबने से जख्मी हो गये. वन अधिकारी सुमिता घटक ने खबर की पुष्टि करते हुए कही कि जख्मी कर्मचारियों में हेड फॉरेस्ट गार्ड अब्दुल सामत की हालत काफी गंभीर है. लगातार मुंह से खून निकलने से उसे सिलीगुड़ी जिला अस्पताल से स्थानांतरित कर प्रधाननगर स्थित एक गैर-सरकारी अस्पताल में भरती कराया गया है. अब्दुल सामत कूचबिहार का रहनेवाला है. वहीं छाती पर गहरी चोट पहुंचने से वाहन चालक व मदारीहाट निवासी सैयदुल इस्लाम एवं दीपक धर का सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. अन्य एक कर्मचारी सर्व बहादुर छेत्री को आंशिक चोट पहुंचने की वजह से प्राथमिक उपचार के बाद हाथोंहाथ छोड़ दिया गया.
लोगों की भीड़ दोषी
श्रीमती घटक ने दो दिन पहले बुधवार को सिलीगुड़ी में निकले हाथी के तरह ही आज भी हाथी को आतंकित करने के लिए आम लोगों को दायी ठहराया. उनका कहना है कि हाथी जंगल की ओर जाने के लिए जैसे ही रुख करता, वह लोगों की बेवकूफी की वजह से जंगल का रास्ता भटक जा रहा था. बाद में बैकुंठपुर वन डिवीजन के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद दिन के करीब 10.30बजे हाथी को कुंदलतुही जंगल की ओर खदड़ने में कामयाब हुए. खबर लिखे जाने तक हाथी को बिहड़ जंगल में छोड़ने का कार्य जारी था.
सिलीगुड़ी में आए हाथी को जंगल में छोड़ा
विदित हो कि बुधवार को सिलीगुड़ी के रिहायशी इलाके में निकले हाथी को सुकना स्थिन वन विभाग के अस्पताल में पूरी तरह स्वस्थ करने के 24 घंटे बाद गुरूवार को बिहड़ जंगल में छोड़ दिया गया था. इस जंगली हाथी के चिंघाड़ ने बुधवार को सिलीगुड़ी के लोगों की नींद उड़ा दी थी. हाथियों के झुंड से बिछुड़ कर यह हाथी जंगल से शहर में निकल आया था. तड़के शहर में प्रवेश कर, रिहायशी इलाकों में हाथी घुमता रहा. इस दौरान हाथी को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और लोगों से आतंकित होकर हाथी जिधर से भी गुजरा, तांडव मचाता चला गया.
हाथी ने दर्जनों घर-दुकान उजाड़े दिये और सैकड़ों बाइक-कारों को कहीं पैर तले रौंद डाला, तो कहीं वाहनों को फुटबाॅल की तरह हवा में उड़ा डाला था. कइ इलाकों के चार दिवारियों को भी तहस-नहस कर दिया था. बैकुंठपुर फॉरेस्ट डिवीजन के फाफड़ी जंगल से शहर में निकले हाथी ने करीब नौ घंटे तक तांडव मचाया था. हाथी को सबसे पहले भक्तिनगर थाना क्षेत्र के इस्टर्न बायपास के नरेश मोड़, चयनपाड़ा इलाके में देखा गया. इसके बाद वह एकटियासाल बाजार होते हुए शहर के 40 नंबर वार्ड के हैदरपाड़ा, अशरफनगर, अंचल मोड़ इस्कॉन मंदिर रोड होते हुए सुबह 10 बजे हार्ट ऑफ सिटी सेवक रोड चला आया था.
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