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हड़ताल. चाय बागानों में बंद फेल, खाली हाथ वापस लौटे ज्वाइंट फोरम नेता

सिलीगुड़ी: राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल दौरे के दौरान अचानक ही चाय बागानों में बंद के आह्वान से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में खलबली मच गई थी. जैसे-जैसे समय बीता, वैसे-वैसे चाय बागानों में बंद पूरी तरह से फेल होते देख तृणमूल नेताओं ने राहत की सांस ली. विभिन्न मांगों को लेकर 23 […]

सिलीगुड़ी: राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल दौरे के दौरान अचानक ही चाय बागानों में बंद के आह्वान से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में खलबली मच गई थी. जैसे-जैसे समय बीता, वैसे-वैसे चाय बागानों में बंद पूरी तरह से फेल होते देख तृणमूल नेताओं ने राहत की सांस ली. विभिन्न मांगों को लेकर 23 ट्रेड यूनियनों के संयुक्त संगठन ज्वाइंट फोरम ने इस बंद का आह्वान किया था. पहले से ही इस बात की किसी को कोई जानकारी नहीं दी गई थी. अचानक ज्वाइंट फोरम के नेताओं ने बृहस्पतिवार को सुबह बंद की घोषणा कर दी.
सिलीगुड़ी सहित तराई डुवार्स के चाय बागान में बंद का कोई असर नहीं हुआ. सिलीगुड़ी के निकट बागडोगरा, सुकना, नक्सलबाड़ी आदि इलाकों में न केवल सभी चाय बागान खुले थे, बल्कि अधिकांश चाय श्रमिक काम पर भी आये थे. यही स्थिति डुवार्स के भी चाय बागानों में देखी गई. सुबह-सुबह ज्वाइंट फोरम के कुछ नेता धरना-प्रदर्शन के लिए चाय बागानों के गेट पर उपस्थित हुए, लेकिन श्रमिकों की भीड़ न देख खाली हाथ वापस लौट गये. ज्वाइंट फोरम द्वारा अचानक बंद की घोषणा किये जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता भड़के हुए हैं. इसके लिए तृणमूल कांग्रेस ने विरोधियों पर निशाना साधा है. तृणमूल नेताओं का कहना है कि उत्तर बंगाल में विभिन्न स्थानों पर ममता बनर्जी की चुनावी जनसभा चल रही है. ममता बनर्जी की जनसभा को बाधित करने की विरोधियों की एक साजिश थी. जलपाईगुड़ी तथा अलीपुरद्वार जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ चक्रवर्ती ने कहा है कि चाय बागान के श्रमिक गरीब एवं निरीह हैं. विरोधी उनको बरगला रहे हैं.

श्री चक्रवर्ती अलीपुरद्वार से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार भी हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस बंद की विफलता से स्पष्ट है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में विरोधियों की दाल नहीं गलने वाली है. अचानक बंद बुलाने से ज्वाइंट फोरम को ही नुकसान हुआ है. उन्होंने भाजपा की भी जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मदारीहाट में जनसभा करने वाले हैं. यह बात भाजपा को नहीं भुलनी चाहिए. भारत एक लोकतांत्रिक देश है. यहां सभी को जनसभा करने की छूट है. चाहे सत्ता पक्ष हो या विरोधी, किसी के भी जनसभा को बाधित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. श्री चक्रवर्ती ने आगे कहा कि कांग्रेस तथा वाम मोरचा के नेताओं ने चाय बागानों को नुकसान पहुंचाने की काफी कोशिश की है. एक दिन के बंद से गरीब श्रमिकों का ही नुकसान होता है. गठबंधन के नेताओं के तमाम कोशिशों के बाद भी चाय बागान खुले हुए हैं और चाय श्रमिक पत्ता तोड़ने के काम में लगे हुए हैं. इस बीच, डुवार्स के तोतापाड़ा, गयेरकाटा, मदारीहाट, माकड़ापाड़ा सहित विभिन्न चाय बागानों में सामान्य रूप से काम-काज हुआ.

क्या कहते हैं ज्वाइंट फोरम नेता
दूसरी तरफ ज्वाइंट फोरम के नेता मणि कुमार दरनाल ने बंद को सफल बताया है. उन्होंने कहा है कि चाय श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी देने, राशन व्यवस्था दुरुस्त करने, बंद बागानों को खोलने आदि की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया गया था. ममता बनर्जी की जनसभा से इस बंद का कोई लेना-देना नहीं है.

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