मदारीहाट : आरएसपी के सामने गढ़ बचाने की चुनौती

सिलीगुड़ी. वर्ष 2011 के परिवर्तन की लहर में अपने गढ़ को बचाकर रखने वाली आरएसपी उम्मीदवार कुमारी कुजुर के पास इस बार अपने गढ़ को बचाये रखने की चुनौती है. कुमारी कुजुर आरएसपी की टिकट पर लगातार चौथी बार विधानसभा पहुंचने के लिए अपनी किस्मत आजमा रही हैं. इस बार हालांकि राह इतनी आसान नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2016 1:06 AM
सिलीगुड़ी. वर्ष 2011 के परिवर्तन की लहर में अपने गढ़ को बचाकर रखने वाली आरएसपी उम्मीदवार कुमारी कुजुर के पास इस बार अपने गढ़ को बचाये रखने की चुनौती है. कुमारी कुजुर आरएसपी की टिकट पर लगातार चौथी बार विधानसभा पहुंचने के लिए अपनी किस्मत आजमा रही हैं.

इस बार हालांकि राह इतनी आसान नहीं दिख रही है. कुमारी कुजुर को इस बार के विधानसभा चुनाव में न केवल भाजपा, बल्कि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा. उत्तर बंगाल में अन्य स्थानों पर भाजपा भले ही कमजोर रही हो, लेकिन मदारीहाट में उसकी स्थिति काफी मजबूत है. वर्ष 2011 के चुनाव में कुमारी कुजुर ने भाजपा के मनोज टिग्गा को हराया था. तब तृणमूल समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार अतुल सुब्बा तीसरे स्थान पर थे. इस बार राजनीतिक समीकरण थोड़ा अलग है. भाजपा की ताकत तो बढ़ी ही है, साथ ही ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने भी अपना काफी विस्तार किया है. यह विधानसभा सीट अलीपुरद्वार लोकसभा सीट के अधीन है. ममता बनर्जी ने पिछले महीने यहां एक चुनावी जनसभा भी की थी.

इसमें अलीपुरद्वार जिले के सभी विधानसभा सीटों के उम्मीदवार उपस्थित थे. स्वाभाविक रूप से तृणमूल की निगाहें भी इस सीट पर लगी हुई हैं. मदारीहाट सीट पर एक बार को छोड़ दें तो कभी भी यहां से आरएसपी के अलावा किसी अन्य पार्टी की जीत नहीं हुई है. 1962 में इस सीट के गठन के बाद से सिर्फ एक बार 1967 में कांग्रेस के डीएन राई इस सीट से जीते थे. उसके बाद से लेकर वर्ष 2011 तक लगातार इस सीट पर आरएसपी का कब्जा रहा है. कुमारी कुजुर पहली बार इस सीट से 2001 में चुनाव जीती थी. उसके बाद 2006 तथा 2011 में भी उन्हीं की जीत हुई. इस बार इस सीट से कुल पांच उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने आरएसपी का समर्थन किया है. भाजपा के मनोज टिग्गा, तृणमूल कांग्रेस के पदम लामा के अलावा एसयूसीआईसी के सुदीष्ट बराइक तथा झामुमो के पदम उरांव भी मैदान में हैं. यदि भाजपा की बात करें तो वर्ष 2011 के चुनाव में मनोज टिग्गा भले ही कुमारी कुजुर से हार गये थे, लेकिन वह 34 हजार 430 मत लाने में कामयाब रहे थे. इस बार इस सीट पर गोजमुमो भी भाजपा का समर्थन कर रही है. ऐसे में मनोज टिग्गा यदि कोई कमाल दिखा दें, तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

अप्रैल फूल बनाया… : सिलीगुड़ी. अप्रैल फूल बनाया, तो उनको को गुस्सा आया…‘अप्रैल फूल’ नामक फिल्म की गाने के तर्ज पर एक अप्रैल के दिन दोस्त, रिश्तेदार व जान-पहचान के लोग एक-दूसरे को बेवकूफ बनाकर अप्रैल फूल बनाते हैं. बेवकूफ बनने पर किसी को खुद पर हंसी तो किसी को गुस्सा आता है. ऐसे ही हंसी और गुस्सों के दौर से शुक्रवार को सिलीगुड़ी के लोग भी गुजरे. आज एक दोस्त ने अपने दोस्त को सिलीगुड़ी कंचनजंघा स्टेडियम में कल यानी शनिवार इस्ट बंगाल व मोहन बागान के बीच होने जा रही आइलीग फुटबॉल टूर्नामेंट की टिकट को लेकर जबरदस्त तरीके से अप्रैल फूल बनाया. शहर के नया बाजार में रहनेवाले अनिल ने टूर्नामेंट की टिकट को लेकर अपनी महिला दोस्त को बेवकूफ बनाया और वह सबों के सामने हंसी का पात्र बनी. शेयर मार्केटिंग की ऑफिस में कार्यरत अनिता फुटबॉल की काफी शौकीन है और इस्ट बंगाल टीम की जबरदस्त फैन. अनिता ने टिकट का अनुरोध अनिल से किया़ उसके बाद अनिल को अनिता के साथ मजाक करने की सूझी.
अनिल ने अनिता को फोन कर बताया कि टिकट मिल गया है और वह उसके ऑफिस के बाहर ही खड़ा है. जल्द बाहर आकर टिकट ले जाओ. टिकट की बात सुनते ही अनिता इतनी उत्सुक हुई कि वह बगैर कुछ सोचे-समझे ऑफिस के बाहर आ गयी और अनिल को खोजने लगी. अनिल को न देख कर अनिता ने उसे फोन किया. अनिल ने फोन रिसिव करते ही अप्रैल फूल कहा. तब कहीं जाकर अनिता को समझ में आया कि वह किस तरह टिकट के चक्कर में जबरदस्त तरीके से बेवकूफ बन गयी. वहीं, अन्य दोस्तों व लोगों ने अपने परिचितों को अलग-अलग तरीके से अप्रैल फूल बनाया.

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