सारधा व नारदा को माकपा ने बनाया चुनावी मुद्दा
सिलीगुड़ी से विकास गुप्ता विधानसभा चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, शहर की गलियों में चुनावी बहस तेज हो रही है. सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र में इस बार तृणमूल कांग्रेस व कांग्रेस-माकपा गंठबंधन में कड़ी टक्कर दिख रही है. तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार बाइचुंग भूटिया लोगों के बीच जाकर काम करने का एक मौका […]
माकपा की सभाओं में नारदा स्टिंग व सारधा चिटफंड का जिक्र कर तृणमूल पर खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है. वहीं इन सब के बीच थर्ड फैक्टर के तौर पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किये जा रहे देश के विकास को उत्तर बंगाल में जारी रखने के नाम पर वोट मांग रहे हैं. रविवार का दिन होने के कारण सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र की कुछ गलियों में लोग छुट्टी के समय चुनावी गपशप करने में व्यस्त दिखे. सिलीगुड़ी के विनस मोड़ से विधान रोड की तरफ जानेवाले रास्ते पर एक चाय की दुकान पर इसी तरह की चुनावी बहस को देखते ही कदम रुक गये. वहां पांच लोग आपस में चुनावी राजनीति पर बहस में व्यस्त थे. पेशे से रेडीमेड गारमेंट के सप्लायर कृष्ण लेप्चा का कहना था कि आम जनता सिर्फ उनकी समस्याओं से छुटकारा दिलानेवाला प्रतिनिधि चाहती है. चुनाव के समय वादे करनेवाले उम्मीदवार बहुत आते हैं, लेकिन चुनाव के बाद पांच वर्षों तक उनकी समस्याएं ज्यों की त्यों बनी रहती हैं.
लिहाजा सभी उम्मीदवारों की बातें वे गंभीरता से सुन रहे हैं, लेकिन उनका वोट सिर्फ विकास करनेवाले को ही मिलेगा. वहीं रामस्वरूप थापा कहते हैं कि आजकल वोट हासिल करने के लिए विकास का सहारा लेना नेताओं का एक स्टंट सा बन गया है. जो नेता नारद न्यूज के स्टिंग ऑपरेशन में फंसे हैं, वे भी विकास के नाम पर ही लोगों से वोट हासिल कर उस सीट तक पहुंचे थे.
लिहाजा इन पांच वर्षों में इलाके में कितना विकास हुआ, इसके बारे में जानने के बाद ही वे अपना वोट मनपसंद उम्मीदवार को देंगे. इस विधानसभा सीट पर वर्ष 2011 के चुनाव में मतदाताओं की संख्या 1,52,071 थी, जो वर्ष 2016 में बढ़ कर 2, 06, 185 हो गयी है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,06,245 है, जबकि 99,940 महिला मतदाता हैं.