सियासी चर्चा. अब 19 मई पर टिकी सबकी निगाहें
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी में मतदान संपन्न होने के बाद अब आम लोगों में चुनाव परिणामों को लेकर चरचा चल रही है. गली-चौराहें से लेकर नुक्कड़ों तक, चाय दुकानों से लेकर शॉपिंग मॉलों तक, किसकी जीत होगी, इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. आलम यह है कि जिधर से आप गुजरें, कोई न कोई […]
19 मई को ही चुनाव परिणामों की घोषणा होने वाली है. सिर्फ सिलीगुड़ी ही नहीं, पूरे उत्तर बंगाल में 45 विधानसभा सीटों पर जीत-हार के गुणा-भाग लगाये जा रहे हैं. इसको लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ उनके समर्थकों की भी धुकधुकी बढ़ गई है. चुनाव चरचा का आलम यह है कि आम लोग मतदान प्रतिशत से लेकर इवीएम के बटन पर लगी स्याही तक की चरचा करने में जुटे हुए हैं. एक चाय दुकान पर एक व्यक्ति अपने ही अंदाज में चुनाव परिणाम की समीक्षा करने में लगा हुआ था. उस व्यक्ति का कहना था कि वह जहां मतदान करने गये थे, वहां इवीएम मशीन पर एक नंबर बटन के आसपास काफी स्याही लगी हुई थी. इसका मतलब है कि माकपा तथा कांग्रेस उम्मीदवार अशोक भट्टाचार्य की जीत हो रही है. यहां यह बता दें कि मतदाता जब मतदान करने जाते हैं तो उनसे या तो हस्ताक्षर कराया जाता है या फिर अंगूठे लगवाये जाते हैं.
अंगूठे में लगी स्याही के साथ ही मतदाता इवीएम में बटन दबाते हैं. जाहिर तौर पर उसके आसपास स्याही लगा होता है. चुनाव परिणाम का नशा यह है कि इस स्याही तक से लोग जीत-हार का गुणा-भाग कर रहे हैं. जिस चाय दुकान में यह चरचा चल रही थी वहां एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि इतनी आसानी से अशोक भट्टाचार्य की जीत नहीं हो सकती. यदि स्याही की ही बात करें तो तृणमूल उम्मीदवार बाइचुंग भुटिया तथा भाजपा उम्मीदवार गीता चटर्जी के नाम के आगे लगे बटन पर भी काफी स्याही लगी हुई थी. इसका मतलब यह नहीं कि सभी लोग जीत रहे हैं. यह चरचा जारी थी कि एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि सिलीगुड़ी में मामला फिफ्टी-फिफ्टी का है. अशोक भट्टाचार्य अथवा बाइचुंग भुटिया में से किसी की भी जीत हो सकती है. जहां तक भाजपा का सवाल है, तो गीता चटर्जी की जीत की संभावना दूर-दूर तक नहीं है. ऐसे सिलीगुड़ी में जिस तरह की चुनावी चरचा हो रही है उसे लगता है कि यहां माकपा का ही पलड़ा भारी है. कई लोगों का तो यहां तक कहना है कि पूरे उत्तर बंगाल में तृणमूल को झटका लग सकता है.
शायद यही वजह है कि उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव भी उत्तर बंगाल में पार्टी की संपूर्ण जीत के प्रति आश्वस्त नहीं हैं. उन्होंने स्वयं कहा है कि उत्तर बंगाल के 45 सीटों में से तृणमूल को 19 पर जीत हासिल हो सकती है. मतदान से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तृणमूल के सभी नेता गठबंधन उम्मीदवारों का सूपड़ा साफ करने की बात कर रहे थे. अब गौतम देव ही 45 सीट में से 19 सीटों पर ही जीत के दावे कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई सीटों पर काफी कड़ा मुकाबला है.