यह नोटिस हाल ही में दी गयी है़ इस नोटिस में रेलवे का कहना है कि दस वर्षों से रेलवे की जमीन लीज पर लेने के बाद भी एसजेडीए ने वहां कोइ काम शुरू नहीं किया है. इसी वजह से उसे वापस लेने का निर्णय किया है. इस मामले में बुधवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए एसजेडीए के चेयरमैन गौतम देव ने कहा कि 3 मई तक रेलवे ने अपना फैसला नहीं बदला तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि करीब दस वर्ष पूर्व माकपा सरकार के समय एसजेडीए ने राजगंज ब्लॉक स्थित गोरामोड़ के निकट रेलवे से 33 एकड़ जमीन लीज पर लिया था. उस समय एसजेडीए के चेयरमैन तत्कालीन नगर विकास मंत्री अशोक भट्टाचार्य थे. रेलवे से जमीन लीज पर लेकर यहां ड्राइ पोर्ट एवं टी पार्क बनाने की योजना थी. उसके बाद एसजेडीए से 70 से अधिक व्यवसासियों ने इस जमीन को लीज पर लिया. जमीन मिलने के बाद भी व्यापारी कोइ कारोबार शुरू नहीं कर पाये हैं. व्यवसायियों का कहना है कि इस जमीन पर कारोबार के लिए बैंक कर्ज नहीं दे रही है. अब समस्या यह है कि रेलवे ने जमीन की लीज एसजेडीए को दी है. व्यवसासियों को जमीन एसजेडीए ने दिया है. सीधे मालिकाना नहीं मिलने की वजह से बैंक कर्ज देने से इनकार कर रही है. व्यापारियों की सुविधा के लिये एसजेडीए की ओर से यहां सड़क, पानी, बिजली, शौचायल बाउंडी वाल आदि बनाये गए हैं.
इसबीच, दस वर्षों से जमीन को खाली देख दो महीने पहले रेलवे ने लीज खारिज कर दिया है और तीन मई तक जमीन खाली कर उसे हेंडओवर करने के लिए कहा है़ एसजेडीए के चेयरमैन गौतम देव ने तत्कालीन माकपा सरकार पर पूरी जिम्मेदारी डालते हुए कहा कि इस परियोजना में कुछ समस्याएं तत्कालीन चेयरमैन अशोक भट्टाचार्य खड़ी कर गये हैं. इस परियोजना पर करीब 33 करोड़ रूपया खर्च हो चुका है़ तृणमूल सरकार इसे रद्द नहीं कर सकती है. रेलवे से इस जमीन की लीज खत्म नहीं करने की मांग की गयी है़ उसके बाद भी रेलवे ने 3 मई तक जमीन खाली करने के लिए कहा है. श्री देव ने कहा कि 3 मई तक अगर रेलवे ने अपना निर्णय नहीं बदला अदालत का दरवाजा खटखटाया जायेगा.