उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम के इन्तजार में बैठने की जगह गोरखा समुदाय के 11 जातीय समूहों के घर-घर में जाकर जागरूकता लायें.पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए गोरखा समुदाय की 11 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कमिटी गठन की बात कही थी. इस कमिटी को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय जनजाति मंत्रालय को सौंपनी है.
उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई ‘जाप’ और हर्क बहादुर छेत्री से नहीं, बल्कि बंगाल सरकार और ममता बनर्जी से है, यह बात पार्टी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को याद रहनी चाहिए. श्री गुरूंग ने कहा कि तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की राजनीति ढलान पर है इसीलिए वह गोरखालैंड की विरोध कर रही हैं. हम गोरखालैंड के लिए काम करते हैं इसलिए ममता बनर्जी हमें पसंद नहीं करतीं. उन्होंने कहा कि गोरखालैंड राज्य गठन को लेकर भारत सरकार विचार कर रही है.