सिंचाई विभाग भी ऑनलाइन देगा मौसम की जानकारी
जलपाईगुड़ी. इस बार बारिश के मौसम में मौसम विभाग की तरह राज्य का सिंचाई विभाग भी ऑनलाइन जानकारी देगा. इसमें बंगाल, सिक्किम और भूटान में बारिश की हर खबर होगी. जैसे कि किस नदी का जल का जल किस इलाके में बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है या नीचे. […]
जलपाईगुड़ी. इस बार बारिश के मौसम में मौसम विभाग की तरह राज्य का सिंचाई विभाग भी ऑनलाइन जानकारी देगा. इसमें बंगाल, सिक्किम और भूटान में बारिश की हर खबर होगी. जैसे कि किस नदी का जल का जल किस इलाके में बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है या नीचे. इसके अलावा बाढ़ से जुड़े अलर्ट भी दिये जायेंगे. ऑनलाइन खबर पाकर किसान और चाय उत्पादक काफी लाभान्वित होंगे.
सिंचाई विभाग की वेबसाइट है डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट डब्ल्यूबीआइडब्ल्यूडी डॉट जीओवी डॉट इन, जो जून के दूसरे सप्ताह से खबर देना शुरू कर देगी. हर साल राज्य में बारिश के मौसम से ठीक पहले 1 जून से सिंचाई विभाग कंट्रोल रूम शुरू करता है. इस बार भी ऐसा ही होगा. बारिश को नापने के लिए राज्यभर में सिंचाई विभाग के 10 रेनगेज सेंटर हैं. इसके अलावा केंद्रीय जल अनुसंधान केंद्र और मौसम विभाग से भी उसे इस बारे में जानकारी मिलती है. राज्य का सिंचाई विभाग सिक्किम, नेपाल और भूटान के संपर्क में भी रहता है. इन सबसे सूचनाएं इकट्ठा कर वह वृष्टिपात, बाढ़ वगैरह की खबर देता है. स्थानीय लोगों को अगले दिन अखबार और टीवी चैनलों के जरिये यह खबर मिलती है. लेकिन अब सिंचाई विभाग यह सब जानकारी ऑनलाइन देगा. हर दो-तीन घंटे पर सूचनाओं को अपडेट किया जायेगा.
राज्य सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर (उत्तर-पूर्व) मानस कुमार भादुड़ी ने बताया कि राज्य सिंचाई भवन के निर्देश पर इस परिसेवा का ट्रायल चल रहा है. राज्य में मानसून आने से पहले जून में यह परिसेवा शुरू कर दी जायेगी. उत्तर बंगाल में तीस्ता, जलढाका, मानसाई, तोरसा, कालजानी, रायडाक एक व दो, डायना, मुजनाई, संकोष, महानंदा जैसी प्रमुख नदियों के अलावा नेपाल की मेची नदी भी है. इन नदियों में जलस्तर बढ़ने की सूचना तुरंत मिल सकेगी. नदी का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ने का अलर्ट भी मिलेगा.
उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिले का बड़ा इलाका भूटान सीमा से लगा हुआ है. अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों का काफी इलाका असम सीमा से लगा है. दार्जिलिंग जिले का एक बड़ा इलाका सिक्किम और नेपाल से लगा हुआ है. उत्तर बंगाल में बाढ़ की स्थित स्थानीय वर्षा के साथ-साथ सीमावर्ती राज्य सिक्किम और सीमावर्ती देशों नेपाल और भूटान में होनेवाली बारिश पर भी निर्भर करती है. इसलिए इन जगहों पर बारिश से संबंधित सूचना भी दी जायेगी. सिंचाई विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह परिसेवा जून के पहले या दूसरे सप्ताह से शुरू हो जायेगी.