गुटबाजी की वजह से हाथ से फिसली सुलकापाड़ा पंचायत

जलपाईगुड़ी. नागराकाटा ब्लॉक की कांग्रेस के कब्जेवाली सुलकापाड़ा ग्राम पंचायत को दखल करने का मौका तृणमूल कांग्रेस का मिला था, लेकिन गुटबाजी की वजह से उसने यह मौका गंवा दिया. बीते पंचायत चुनाव में 34 साल बाद बहुमत हासिल कर कांग्रेस ने इस अंचल पर कब्जा किया था. इस बार विधानभा चुनाव में कांग्रेस की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2016 7:37 AM
जलपाईगुड़ी. नागराकाटा ब्लॉक की कांग्रेस के कब्जेवाली सुलकापाड़ा ग्राम पंचायत को दखल करने का मौका तृणमूल कांग्रेस का मिला था, लेकिन गुटबाजी की वजह से उसने यह मौका गंवा दिया. बीते पंचायत चुनाव में 34 साल बाद बहुमत हासिल कर कांग्रेस ने इस अंचल पर कब्जा किया था. इस बार विधानभा चुनाव में कांग्रेस की नैया डूब गयी. कांग्रेस उम्मीदवार जोसेफ मुंडा चुनाव हार गये. इसके बाद स्थानीय कांग्रेस की तरफ से तृणमूल के ब्लॉक नेतृत्व को चिट्ठी देकर प्रस्ताव दिया गया कि कांग्रेस के सभी पंचायत सदस्य तृणमूल में शामिल होना चाहते हैं.

लेकिन तृणमूल की सुलकापाड़ा अंचल कमिटी के प्रबल विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया. इसके बाद तृणमूल ब्लॉक नेतृत्व ने भी इससे किनारा कर लिया. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई. आरोप है कि कांग्रेस के पंचायत सदस्यों को लगातार डराया-धमकाया जा रहा है.

आखिरकार गुरुवार रात कांग्रेसी पंचायत सदस्यों ने तृणमूल में शामिल नहीं होने का फैसला लेकर इस बारे में तृणमूल ब्लॉक नेतृत्व को सूचित कर दिया. नागराकाटा में तृणमूल में गुटबाजी चरम पर थी. चुनाव के दौरान यह नहीं दिख रही थी, लेकिन चुनाव के बाद एक बार फिर गुटबाजी खुलकर सामने आ गयी है. सुलका ग्राम पंचायत तृणमूल के हाथ से निकलना इसका प्रमाण है.


सुलकापाड़ा ग्राम पंचायत के कांग्रेसी प्रधान फिरोजनूर पटवारी ने कहा, तृणमूल सरकार द्वारा विकास की निरंतरता बनाये रखने के लिए हम लोग तृणमूल में शामिल होना चाहते थे और इसीलिए उनके ब्लॉक नेतृत्व को चिट्ठी भी दी थी. लेकिन उनके ब्लॉक नेतृत्व की बात उनका अंचल नेतृत्व नहीं सुनता है. साथ ही पिछले कई दिनों से भय का माहौल बनाया जा रहा था. इसे देखते हुए हमने निर्णय लिया कि हम लोग मर जायेंगे तो भी तृणमूल में शामिल नहीं होंगे.

तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष अमरनाथ झा ने कहा, उन लोगों ने हमसे तृणमूल में शामिल होने की बात कही थी. अगर ऐसा होता तो उस ग्राम पंचायत पर हमारा कब्जा होता. लेकिन कुछ ब्लॉक नेताओं के इशारे पर अंचल कमिटी के बाधा डालने से सब काम खराब हो गया. वहीं तृणमूल के कार्यकारी ब्लॉक अध्यक्ष असिताभ बोस ने कहा, ऐसा कुछ नहीं है. अंचल कमिटी नहीं चाहती है कि कांग्रेसी पंचायत समिति सदस्य अभी तृणमूल में शामिल हों. इसलिए यह मामला अभी लंबित है. तृणमूल ने किसी तरह का आतंक नहीं फैलाया है. बाद में चर्चा करके मामला हल किया जायेगा.
तृणमूल का ब्लॉक अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर काफी दिनों से गुटबाजी चल रही है. चुनाव के समय अमरनाथ झा को अध्यक्ष बनाने के बाद गुटबाजी खत्म हो गयी थी. लेकिन चुनाव के बाद यह फिर से शुरू हो गयी है. सुलकापाड़ा ग्राम पंचायत में 21 सीटें हैं. इनमें से 11 पर कांग्रेस, आठ पर सीपीएम और एक-एक पर तृणमूल व निर्दलीय का कब्जा है. बहुमत की वजह से कांग्रेस ने बोर्ड गठित किया.

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