सिलीगुड़ी: न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी)-सिलीगुड़ी के आस-पास में रेलवे की जमीन पर जबरन दखल के मामले को लेकर कटिहार रेल मंडल के प्रबंधक (डीआरएम) उमा शंकर एस यादव ने बंगाल सरकार को घेरा है. बंगाल सरकार पर यह तीखा हमला श्री यादव ने बुधवार को एनजेपी के गेटबाजार स्थित क्षेत्रीय प्रबंधक (एरिया मैनेजर) के प्रशासनिक भवन में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया के सामने की किया. उन्होंने कहा कि रेलवे की जमीन को दखल मुक्त कराने के लिए समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता है.
अभियान चलाने से पहले कई बार सहयोग की गुजारिश किये जाने के बावजूद राज्य सरकार से कोई सहयोग नहीं मिल रहा. इस वजह से राजनैतिक पार्टियां अभियान में रोड़ा बनकर खड़ी हो जाती है.
हालांकि रेलवे ने कई क्षेत्रों से जमीन दखल मुक्त कराया है, इसके बाद भी एनजेपी, सिलीगुड़ी जंक्शन, सिलीगुड़ी टाउन, मल्लागुड़ी व इसके आस-पास के क्षेत्रों में रेलवे की जमीन पर 10 लाख लोगों द्वारा जबरन कब्जा किये जाने का दावा श्री यादव ने किया. उन्होंने रेलवे के विकास व विस्तार के लिए अतक्रिमणकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि हर हाल में जमीन दखल मुक्त करायेंगे. रेलवे अपनी जमीन एक इंच भी नहीं छोड़ेगी. इसके लिए रेलवे एकबार फिर बंगाल सरकार से सहयोग करने की अरजी करेगी.
हेरिटेज ‘ट्वाय ट्रेन’ का होगा और विकास : डीआरएम
डीआरएम (कटिहार) उमा शंकर एस यादव ने कहा कि विश्व धरोहर (हेरिटेज) ‘ट्वाय ट्रेन’ का और अधिक विकास होगा. विस्तृत रिपोर्ट बनाने के लिए रेलवे ने यूनेस्को को जिम्मेवारी दी है. रिपोर्ट बनाने के लिए रेलवे की ओर से यूनेस्को को चार करोड़ रूपये भी दिये गए हैं. यूनेस्को की टीम ने अप्रैल महीने से ही नैरो गेज रूट इलाकों का दौरा करना भी शुरू कर दिया है. एक महीने में टीम के प्रतिनिधियों ने दार्जिलिंग, कार्सियांग के अलावा नैरो गेज रूट के विभिन्न इलाकों का दौरा किया है. यूनेस्को की टीम रिपोर्ट बनाने के लिए ट्वाय ट्रेन का देखरेख कर रही दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) के अलावा, देशी-विदेशी सैलानियों, मीडिया व आम लोगों से भी सहयोग ले रही है. यूनेस्को दो वर्ष में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर रेलवे को सौंप देगी.
ट्वाय ट्रेन को आमदनी के लिए नहीं चला रही रेलवे
डीआरएम उमा शंकर यादव ने कहा कि रेलवे ट्वाय ट्रेन को आमदनी के लिए नहीं चला रही. उन्होंने कहा कि ट्वाय ट्रेन के पीछ सालाना खर्च 10 करोड़ रूपये होता है, जबकि रेलवे को इससे मात्र पांच से छह करोड़ की आमदनी होती है. श्री यादव ने कहा कि भारतीय रेलवे ने ट्वाय ट्रेन को कभी भी आमदनी का जरिया नहीं बनाया, बल्कि ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संभाल कर इसे रखा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल डीएचआर के लोकोमोटिव में ट्वाय ट्रेन का एक वाष्प इंजन और चार डीजल इंजन है. चार डीजल इंजन में फिलहाल दो खराब पड़े हैं. जल्दी दोनों डीजल इंजन को दुरस्त कर दिया जायेगा और नैरो गेज पर दौड़ाया जायेगा.
रेलवे की उपलब्धियां गिनायी
कटिहार मंडल में दो वर्षों के दौरान रेलवे के बढ़े आय, बेहतर कार्यों व उपलब्धियों का डीआरएम उमा शंकर एस यादव ने गिनती गिनायी. उन्होंने बताया कि इस अवधि में 7.48 करोड़ यात्रियों से 814.77 करोड़ रूपये की आय हुई. माल भाड़े से 826.49 करोड़ रूपये की आय रेलवे को हुई. पार्सल से 24.46 करोड़ रूपये की आय हुई.
अन्य मदों में 38.27 करोड़ रूपये का आय हुआ. सकल आय के रूप में कुल 1732.11 करोड़ की प्राप्ति हुई. वहीं, टिकट चेकिंग के दौरान 2 लाख 24 हजार 841 बेटिकट यात्रियों से 11.37 करोड़ रूपये वसूले गए. स्वच्छता अभियान के तहत गंदगी फैलाने वाले 20 हजार 408 लोगों से भी रेलवे ने 21.36 लाख रूपये वसूल किया. श्री यादव ने बताया कि कटिहार मंडल के विभिन्न स्टेशन जहां विश्रामालय व शयनशाला मौजूद है, वहां यात्रियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन बुकिंग सेवा शुरु कर दी गयी है. इस वर्ष मार्च महीने में वैगन इंटरचेंज 4451.5 वैगन प्रतिदिन किया गया, जो अब-तक का सर्वश्रेष्ठ इंटरचेंज है.
उन्होंने बताया कि 2014 के जून महीने में 243.40 वैगंस प्रतिदिन लदान किया गया, जो अब-तक का सर्वश्रेष्ठ लदान रहा. उसी अवधि में मक्के का 78 रेक लदान हुआ, जो अब-तक का सर्वश्रेष्ठ है. वीपी में बीडी लदान का नया यातायात एकलाखी स्टेशन से शुरू हुआ एवं इस वर्ष मार्च महीने तक 37 वीपी का लदान हुआ. इस वर्ष जनवरी महीने में 354.90 वैगन प्रतिदिन की दर से अनलोड किया गया, जो अब-तक का सर्वश्रेष्ठ है. श्री यादव ने बताया कि 2015-16 में कटिहार मंडल में मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का समयपालन 88.44 फिसदी रहा. उन्होंने कहा कि इस अवधि में ट्रेन नंबर 13063/13064 हावड़ा-बालुरघाट सप्ताह में दो बार एवं 18629/18630 सप्ताह में एक बार नयी ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ.
साथ ही 52455/52456 दार्जिलिंग-कर्सियांग ट्वाय ट्रेन को महानदी तक विस्तारित किया गया. 27 विभिन्न ट्रेनों में 32 अतिरिक्त कोच लगाये गये. एलइडी फिटिंग को कटिहार मंडल में अपनाया गया, इसके इस्तेमाल से रेलवे को कुल 29 लाख 88 हजार 175 रूपये की वार्षिक बचत हुई. वहीं, एनजेपी में 2014 के 14 अगस्त को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक ने एक टन क्षमतावाला नया यंत्रीकृत लांड्री का शुभारंभ किया. श्री यादव ने बताया कि कटिहार मंडल के छोटे-छोटे स्टेशनों में सोलर पैनल लगाये जायेंगे. फिलहाल तेलता, आजमनगर, मुकरिया, धचना व सुधानी स्टेशनों में सोलर सिस्टम चालू है. एनजेपी और सिलीगुड़ी जंक्शन को और अधिक विकसित करने की योजना है.