उर्स पर याद किये गये सूफी संत मलंग शाह बाबा, देर रात तक चला जलसा-ए-यादगारे औलिया, मांगी दुआ
सिलीगुड़ी: सूफी संत हजरत सैय्यद शाह दाता अब्दुल अलीमुद्दीन उर्फ अब्दुल कुद्दूस मलंग शाह बाबा की याद में सिलीगुड़ी के झंकार मोड़ के निकट मजार शरीफ में आयोजित दो-दिवसीय 32वें उर्स में उनके अनुयायियों की खूब भीड़ उमड़ रही है. बाबा के दर पर केवल मुस्लिम धर्मावलंबी नहीं, बल्कि हर जाति-संप्रदाय के लोग भारी तादाद […]
सिलीगुड़ी: सूफी संत हजरत सैय्यद शाह दाता अब्दुल अलीमुद्दीन उर्फ अब्दुल कुद्दूस मलंग शाह बाबा की याद में सिलीगुड़ी के झंकार मोड़ के निकट मजार शरीफ में आयोजित दो-दिवसीय 32वें उर्स में उनके अनुयायियों की खूब भीड़ उमड़ रही है.
बाबा के दर पर केवल मुस्लिम धर्मावलंबी नहीं, बल्कि हर जाति-संप्रदाय के लोग भारी तादाद में पहुंच रहे हैं. सूफी शमीम शाह मलंग खलीफा सरकार कमर रजा बरेलवी के खादिम-ए-खास हजरत उल्लामा व मौलाना नजीर आलम साहब की अगुवाई में अनुयायियों ने बाबा की मजार पर चादरपोशी कर मत्था टेका और दुआ मांगी. उर्स के पहले दिन बुधवार को नमाजे इशा के बाद देर रात तक जलसा-ए-यादगारे औलिया का आयोजन हुआ. इस कॉन्फ्रेंस में सिलीगुड़ी या उत्तर बंगाल के ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों व नेपाल के नामचीन सूफी-संत, मौलाना, उलेमा (धर्मगुरु) का जमावड़ा लगा. इन धर्मगुरुओं ने जलसे में भारी तादाद में मौजूद अनुयायियों को धर्म पर चलने और अल्लाह के नीति-आदेश मानने की नसीहत दी.
इस दौरान मौलाना नजीर आलम साहब ने बाबा मलंग शाह के इतिहास की 166 साल पुरानी गाथा और उर्स के इन दो दिनों के खास महत्व से अनुयायियों को वाकिफ कराया. जलसे में मौजूद नेपाल के मौलाना सफिकुल्ला नूरी चतुर्वेदी ने वेदों की महत्ता पर कई भाषाओं में बखान किया. इस मौके पर भागलपुर से आये बतौर अतिथि पीर साहब मौलाना सैयद मसरूर राजी ने धर्म की बातें कीं. मेला के दूसरे दिन यानी गुरुवार को कव्वालों व शायरों की महफिल सजी. पटना के नामी कलाकार मुमताज मंसूरी और भागलपुर के इमरान नाशिरी की टीम ने ऐसी कव्वाली पेश की कि देर तक तालियों की गड़गड़ाहट होती रही.
वहीं, देश के नामी शायर अशद इकबाल ने अपने विशेष अंदाज में शायरी प्रस्तुत कर खूब वाह-वाही लूटी. दो दिवसीय उर्स को सफल बनाने के लिए मलंग शाह बाबा दरगाह उर्स कमिटी के अध्यक्ष खोकन भट्टाचार्य, सचिव ईद मोहम्मद उर्फ लाल, प्रवक्ता मोहम्मद फरीद ‘लाल भाई’, मेहंदी हुसैन उर्फ मेठिया, मोहम्मद अजहर उर्फ राजू, मकसूद खान, मेहबूब अशरफ खान, मोहम्मद कबीर समेत सभी सदस्यों ने जी-तोड़ मेहनत की. लाल भाई ने बताया कि इस दो दिवसीय उर्स में दूर-दराज इलाकों से लाखों की तादाद में बाबा के अनुयायी उनके दर पर पहुंचे.