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जलपाईगुड़ी : बारिश के मौसम में नदी की सफाई पर उठा विवाद

जलपाईगुड़ी. जलधारण क्षमता बढ़ाने के लिए नदियों की सफाई कराने का निर्णय जलपाईगुड़ी सिंचाई विभाग ने लिया है. इस परियोजना के तहत नदी में जमी गाद (सिल्ट) और उसके किनारों को साफ कराया जायेगा. इसके लिए सिंचाई विभाग से 40 लाख रुपया आवंटित कर दिया है. काम के लिये टेंडर भी जारी कर दिया गया […]

जलपाईगुड़ी. जलधारण क्षमता बढ़ाने के लिए नदियों की सफाई कराने का निर्णय जलपाईगुड़ी सिंचाई विभाग ने लिया है. इस परियोजना के तहत नदी में जमी गाद (सिल्ट) और उसके किनारों को साफ कराया जायेगा. इसके लिए सिंचाई विभाग से 40 लाख रुपया आवंटित कर दिया है.

काम के लिये टेंडर भी जारी कर दिया गया है. सब कुछ ठीक रहने पर 15 जून के भीतर ही कार्यादेश दे दिया जायेगा. लेकिन इस काम पर सवाल भी उठने शुरू हो गये हैं. समाज व नदी बचाओ कमिटी ने वर्षा के मौसम में नदी सफाई की परियोजना पर संशय जताया गया है. कमिटी का कहना है कि बुधवार से सिंचाई कार्यालय में बाढ़ कंट्रोलरूम की शुरुआत की गयी है. वर्षा शुरू होने के बाद नदी की सफाई का काम करना संभव नहीं होगा.जलपाईगुड़ी जिला सिंचाई विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, वर्षा के समय नदियों में उफान आने लगता है. नदियों को उफनाने से रोकने के लिए उनकी जलधारण क्षमता बढ़ाना जरूरी है.

जलधारण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से ही नदियों की सफाई की परियोजना पर विशेष जोर दिया गया है. विशेषकर, नदियों के शहरी इलाकों से गुजरनेवाले हिस्सों में जमा कचरा साफ कर दिया जायेगा. पिछले वर्ष नदी से सटा 355 मीटर इलाका क्षतिग्रस्त हुआ था. इस बार शहर के जुबली पार्क इलाके में सेग्रिगेटिंग बांध बनाया जायेगा.जलपाईगुड़ी शहर के बीच से होकर गुजरनेवाली करला नदी की सफाई करने की मांग काफी पुरानी है. इसे लेकर समाज व नदी बचाओ कमिटी की ओर से कई बार आंदोलन भी किया गया. लेकिन कमिटी ने वर्षा के समय नदी की सफाई करने की योजना पर सवाल खड़ा किया है. इधर वर्षा शुरू होते ही सारदापल्ली तीस्ता बांध में दरार दिखने लगी है. पानी के तेज बहाव से करीब एक फुट मिट्टी धंस गयी है. स्थानीय निवासी विमल पाईन ने कहा कि पिछले दो दिनों की बारिश में ही बांध में दरार दिखने लगी है. पिछले वर्ष भी यहीं पर दरार देखी गयी थी.

इस बार की दरार पिछले वर्ष के मुकाबले कई गुना बड़ी है. सिंचाई कार्यालय के जलपाईगुड़ी महकमा अधिकारी शांतनु धर ने बताया कि जिस दरार का जिक्र किया जा रहा है वास्तव में वह रेन कट है. पानी की वजह से कुछ मिट्टी अवश्य धंसी है. उन्होंने बताया कि सिर्फ सारदापल्ली नहीं, बल्कि तीस्ता के नये बांध के भी कई स्थानों पर मिट्टी धंसी है. नदी की सफाई के बारे में उन्होंने कहा कि चुनाव व अन्य कारणों से कार्य शुरू नहीं किया गया. 40 लाख का टेंडर कर दिया गया है. 15 जून तक वर्क ऑर्डर किये जाने की संभावना है.

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