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आठ साल में भी पूरा नहीं बन पाया चांचल स्टेडियम

मालदा: कांग्रेस परिचालित मालदा जिला परिषद की उदासीनता की वजह से काम शुरू होने के आठ साल बाद भी चांचल स्टेडियम बनकर तैयार नहीं हो पाया है. इस स्टेडियम के साथ ही मार्केटिंग काम्प्लेक्स, प्रेस क्लब, क्लब हाउस आदि का भी निर्माण होना है. तृणमूल कांग्रेस के जिला परिषद सदस्य तथा विरोधी दल के नेता […]

मालदा: कांग्रेस परिचालित मालदा जिला परिषद की उदासीनता की वजह से काम शुरू होने के आठ साल बाद भी चांचल स्टेडियम बनकर तैयार नहीं हो पाया है. इस स्टेडियम के साथ ही मार्केटिंग काम्प्लेक्स, प्रेस क्लब, क्लब हाउस आदि का भी निर्माण होना है. तृणमूल कांग्रेस के जिला परिषद सदस्य तथा विरोधी दल के नेता उज्ज्वल चौधरी ने कहा कि चांचल स्टेडियम का काम काफी दिनों से रुका हुआ है.
विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को दिखाने के लिए कांग्रेस परिचालित जिला परिषद काम को लेकर तेजी दिखा रही थी. लेकिन चुनाव खत्म हुआ तो काम भी रुक गया. जिला परिषद के पदाधिकारी यह भी बताने की स्थिति में नहीं हैं कि काम कब तक पूरा होगा. चांचल स्टेडियम निर्माण की धीमी गति से इलाके के खेलप्रेमियों के साथ ही आम लोग भी नाराज हैं. हालांकि तृणमूल के के इस आरोप को चांचल के कांग्रेस विधायक आसिफ महबूब आधारहीन बता रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य सरकार इसके लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं करवा रही है इसलिए काम धीमी गति से हो रहा है.
प्रशासन और जिला परिषद के सूत्रों से पता चला है कि सन 2008 में रायगंज के तत्कालीन सांसद प्रियरंजन दासमुंशी ने चांचल स्टेडियम के निर्माण के लिए कदम उठाया था. तब प्रस्तावित स्टेडियम के निर्माण में तीन करोड़ रुपये खर्च होने का इस्टीमेट था. शिलान्यास के समय श्री दासमुंशी ने एलान किया था कि एक महीने के अंदर स्टेडियम के निर्माण का काम पूरा कर लिया जायेगा. लेकिन आज आठ साल बीत गये हैं और काम पूरा नहीं हो पाया है. प्रशासन और जिला परिषद के सूत्रों ने बताया कि शिलान्यास के डेढ़ साल बाद स्टेडियम निर्माण के लिए उत्तर मालदा के सांसद के कोष से एक करोड़ रुपये दिये गये थे. वहीं चांचल के विधायक के कोष से 50 लाख रुपये जारी किये गये थे. इसके अलावा तत्कालीन सांसद की पहल पर उस समय विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं से स्टेडियम निर्माण के लिए एक करोड़ 15 लाख रुपये इकट्ठा किये गये थे. लेकिन उसी समय सांसद श्री दासमुंशी अचानक बीमार पड़ गये और स्टेडियम का काम बीच में ही रुक गया.

2009 में चांचल स्टेडियम का डीपीआर तैयार करने के बाद 89 लाख रुपये जारी हुए, जिससे दो गैलरी तैयार करने के लिए टेंडर निकालने में ही दो साल निकल गये. 2011 में टेंडर मंगाया गया, लेकिन वर्क ऑर्डर देने में एक साल और लग गया. इस तरह दो गैलरी तैयार करने में ही लंबा समय लग गया. निर्माण में देरी की वजह से स्टेडियम का निर्माण खर्च तीन करोड़ रुपये से बढ़कर नौ करोड़ तक पहुंच गया है.

तृणमूल के जिला परिषद सदस्य उज्ज्वल चौधरी ने कहा, हम चाहते हैं कि चांचल स्टेडियम का निर्माण खूब तेजी से हो. कांग्रेस परिचालित जिला परिषद स्टेडियम निर्माण के लिए इतना ढीलाढाला रवैया क्यों अपना रही है, यह समझ में नहीं आ रहा है. इस पर स्थानीय कांग्रेस विधायक आसिफ महबूब का कहना है कि केवल जिला परिषद, सांसद, विधायक के कोष से चांचल स्टेडियम का निर्माण पूरा हो पाना संभव नहीं है. इस मामले में राज्य सरकार के सहयोग की भी जरूरत है. विधानसभा में इस मामले को सरकार के ध्यान में लाने का प्रयास कर रहा हूं. वहीं मालदा जिला परिषद के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी मलय मुखोपाध्याय का कहना है कि स्टेडियम का निर्माण ठीक ढंग से चल रहा है.

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