अंधविश्वास. ‘भूत’ के आतंक से लोगों ने छोड़े कच्चे घर

अलीपुरद्वार. एक अनजान रहस्यमय व्यक्ति या कथित भूत के आतंक से अलीपुरद्वार 2 नंबर ब्लॉक के धवलाझोरा, कोहिनूर चाय बागान सहित शरणार्थी शिविर के कई हजार लोग अपना घर त्यागने को मजबूर हैं. कच्चे मकान में रहने वाले कई लोग अपना घर छोड़कर पड़ोसियों के पक्के मकान में रहने लगे हैं. रहस्यमय उस युवक को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2016 1:57 AM
अलीपुरद्वार. एक अनजान रहस्यमय व्यक्ति या कथित भूत के आतंक से अलीपुरद्वार 2 नंबर ब्लॉक के धवलाझोरा, कोहिनूर चाय बागान सहित शरणार्थी शिविर के कई हजार लोग अपना घर त्यागने को मजबूर हैं. कच्चे मकान में रहने वाले कई लोग अपना घर छोड़कर पड़ोसियों के पक्के मकान में रहने लगे हैं. रहस्यमय उस युवक को पकड़ने के लिए इलाके के युवकों ने रात भर जाग कर पहरेदारी कर रहे हैं. उक्त घटना जून महीने के पहले सप्ताह से शुरू हुई है.

काला कोट, मुखौटे से मुंह ढका हुआ एक रहस्यमय व्यक्ति को जून के पहले सप्ताह से ही देखा जा रहा है. इस रहस्यमय व्यक्ति को देखकर इलाकावासी काफी भयभीत हो गये हैं. कोहिनूर चाय बागान के श्यामली देवनाथ ने सहमी हुयी आवाज में बताया कि भूत ने धारदार हथियार से उसके कच्चे मकान की दीवार में छेद कर दिया है. धवलाझोरा चाय बागान के उत्तम देवनाथ ने बताया कि पिछले शुक्रवार की रात अचानक ही घर के दरवाजे पर किसी ने पैर से मार कर आवाज करना शुरू किया. घर से निकलने पर एक काला कोट पहने एक विशालकाय व्यक्ति को भागते हुए पाया.

डांगी शिविर की एक व्यस्क महिला बेलारानी साहा ने बताया कि भूत के डर से उसकी बेटी बच्चों के साथ पक्के मकान में रहने चली गयी है. बीते शुक्रवार को बेलारानी घर का दरवाजा बंद कर सोयी हुयी थी. अचानक घर में किसी के दाखिल होने की आहट मिली. सिरहाने रखे धारदार हथियार से वार करने के दौरान मच्छरदानी फट गयी. इस दौरान वह रहस्यमय व्यक्ति फरार हो गया. तीन गांव के करीब हजारों नागरिक इस रहस्यमय व्यक्ति या कथित भूत के आतंक से कांप रहे है. प्रशासन की ओर से इलाके में माइकिंग कराया है कि अनजाने में कोई किसी के साथ मारपीट ना करें, बल्कि संदेह होने पर पुलिस को जानकारी देने की अपील की गयी है.

इस इलाके में बिजली रहने के बाद भी टॉर्च की बिक्री बढ़ गयी है. स्थानीय करीब सौ युवक उस रहस्यमय व्यक्ति को पकड़ने के लिए हाथ में टॉर्च लेकर रात भर पहरेदारी कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त प्रत्येक परिवार टॉर्च और धारदार हथियार सिरहाने रखकर सो रहा है.

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