बाढ़ रोकने को लेकर भारत-भूटान के बीच बनी सहमति
जलपाईगुड़ी: बाढ़ को नियंत्रण को लेकर भारत तथा भूटान के बीच आपसी सहमति बन गयी है.दोनों देश शीघ्र ही एक समझौता करेंगे. यह जानकारी दोनों देशो के उच्च अधिकारियों ने दी है. प्रति वर्ष वर्षा के इस मौसम भूटान से आने वाला पानी पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी इलाके को काफी प्रभावित करता है. भूटान के […]
जलपाईगुड़ी: बाढ़ को नियंत्रण को लेकर भारत तथा भूटान के बीच आपसी सहमति बन गयी है.दोनों देश शीघ्र ही एक समझौता करेंगे. यह जानकारी दोनों देशो के उच्च अधिकारियों ने दी है. प्रति वर्ष वर्षा के इस मौसम भूटान से आने वाला पानी पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी इलाके को काफी प्रभावित करता है. भूटान के पहाड़ों पर वर्षा होने से जलपाईगुड़ी का बिन्नागुड़ी इलाका जलमग्न हो जाता है.
भूटान के पहाड़ से जल समतल में उतर आता है. सोमवार की रात भूटान के पहाड़ों में वर्षा होने की वजह से बिन्नागुड़ी में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है. बिन्नागुड़ी के एस.एम कॉलोनी, नेताजी पाड़ा, प्रेमनगर, बिन्नागुड़ी हिंदी विद्यालय सहित अन्य कई इलाके जलमग्न हो गये हैं. इधर, डुवार्स सहित जलपाईगुड़ी के सभी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इस समस्या के समाधान के लिये जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन ने भूटान के अधिकारियों से बातचीत शुरू की है.
नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर अविलंब पानी को लेकर समझौता किये जाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. जलपाईगुड़ी के अतिरिक्त जिला शासक सुमेधा प्रधान ने बताया कि भूटान की ओर से अग्रिम जानकारी दिये बिना ही पानी छोड़ दिया जाता है. जिसकी वजह से बाढ़ की समस्या होती है. पानी छोड़ने की अग्रिम सूचना मिलने से समय रहते लोगों को स्थानांतरित करना संभव हो सकता है. अग्रिम सूचना मिलने पर परिस्थिति से मुकाबला किया जा सकता है.
प्रतिवर्ष एक ही समस्या से नागरिक अब परेशान हो चुके हैं. नागरिकों ने बताया कि भूटान के साथ मिलकर समस्या का समाधान होना जरूरी है. समतल के जल से अधिक भूटान की पहाड़ो पर वर्षा होने से पूरा बिन्नागुड़ी सहित आस-पास इलाकों में बाढ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. प्रतिवर्ष यही स्थिति रहती है. धूपगुड़ी ब्लॉक के आपदा राहत विभाग के अधिकारी तीर्थंकर चक्रवर्ती ने बताया कि बाढ़ से मुकाबला करने के लिये ब्लॉक से लेकर गांव तक तिरपाल वितरित किया गया है.भूटान के सामसी जिला शासक करमा वाजिर ने बताया कि यह एक सकारात्मक पहल है. बाढ़ की समस्या दोनों देशो की है. राष्ट्रीय स्तर पर इसका समाधान निकाला जाना चाहिए. दोनों देशो के बीच जल को लेकर समझौता किया जाना कोई मुश्किल काम भी नहीं है. आगामी दिनो में पानी छोड़ने के पहले भूटान की ओर से अग्रिम सूचना दे दी जाएगी.
उल्लेखनीय है कि भारी बारिश और भूटान द्वारा पानी छोड़ने की वजह से बिन्नागुड़ी हिंदी विद्यालय के बारामदे तक पानी पहुंच गया है. पहले बाढ़ की स्थिति में इसी विद्यालय में लोगों को आश्रय दिया जाता था, लेकिन इस बार वहां भी पानी पहुंच चुका है. वर्षा की शुरूआत में ऐसी स्थिति पैदा होने से इलाकावासियों को आगामी दिनों की चिंता सताने लगी है. भारत-भूटान संयुक्त नदी कमीशन की बैठक में उपस्थ्ति सिंचाई विभाग के अधीक्षक(उत्तर-पूर्व) शुभंकर चक्रवर्ती ने बताया कि भूटान के झोरा नदी के जल से ही बिन्नागुड़ी में बाढ़ की स्थिति पैदा होती है. इस समस्या का समाधान नितांत आवश्यक है.