मंत्रियों के अनुरोध पर भी नहीं हो पा रही बोल्डर की ढुलाई

श्रमिक और ट्रक मालिक इसके लिए तैयार नहीं बोल्डर की कमी से तीस्ता बांध का काम प्रभावित कई इलाके बाढ़ के खतरे की जद में नदी से बोल्डर निकालने पर रोक से है नाराजगी जलपाईगुड़ी : राज्य के पर्यटन मंत्री और सिंचाई मंत्री के अनुरोध के बाद भी ट्रक मालिक बोल्डर ढुलाई को तैयार नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2016 7:54 AM

श्रमिक और ट्रक मालिक इसके लिए तैयार नहीं

बोल्डर की कमी से तीस्ता बांध का काम प्रभावित

कई इलाके बाढ़ के खतरे की जद में

नदी से बोल्डर निकालने पर रोक से है नाराजगी

जलपाईगुड़ी : राज्य के पर्यटन मंत्री और सिंचाई मंत्री के अनुरोध के बाद भी ट्रक मालिक बोल्डर ढुलाई को तैयार नहीं हैं. गाजलडोबा और अन्य इलाकों में पहले से जमा किये गये बोल्डरों को उठाने के लिए श्रमिक और ट्रक मालिक तैयार नहीं हुए. मंत्री की ओर से सहानुभूति के बदले धमकी भरा स्वर मिलने की वजह से ट्रक मालिक और श्रमिक काफी नाराज हुए हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जलपाईगुड़ी में तीस्ता नदी का बांध टूट गया है. यहां 3.4 करोड़ रुपये की लागत से मरम्मती का कार्य चल रहा है. करीब 1.8 किलोमीटर बांध का निर्माण किया जाना है. करीब 85 प्रतिशत कार्य समाप्त हो गया है. लेकिन ग्रीन बेंच के निर्देशानुसार नदियों से बालू, पत्थर निकालने का कार्य बंद होने से जलपाईगुड़ी का मिलनपल्ली, टाकीमारी सहित कई इलाके खतरे की जद में हैं, पर बांध निर्माण कार्य में बोल्डर की समस्या हो रही है.

तीस्ता बैराज के पास रखा करीब तीन हजार क्यूबिक मीटर बोल्डर रखा हुआ है. इसका वर्तमान में कोई काम नहीं है. सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने बताया कि उस बोल्डर को वहां से लाकर बांध निर्माण कार्य पूरा किया जायेगा. लेकिन ट्रक मालिक इस बात पर राजी नहीं हैं. शुक्रवार को ट्रक मालिक संयुक्त मंच ने सिंचाई मंत्री, उत्तर बंगाल विकास मंत्री व पर्यटन मंत्री से इस संबध में मुलाकात की. संयुक्त मंच के संयोजक शिव प्रसाद ने बताया कि तिस्ता बैरेज से जितना बोल्डर मिलनपल्ली पहुंचाने की बात की जा रही है, उसमें करीब चार सौ ट्रक की आवश्यकता होगी.

इधर बालू, पत्थर निकालने का काम बंद होने से करीब तीन लाख श्रमिक बेरोजगार हैं. दस हजार से अधिक ट्रक हैं. इस काम में किस ट्रक को काम में लगाया जाये और किसे नहीं, यह एक समस्या खड़ी हुई है. इसलिये ट्रक मालिकों ने इस काम को करने से साफ मना कर दिया. उनका कहना है कि यदि कोई चालक, खलासी और श्रमिक ट्रक लेकर जायें और यह काम करें तो कर सकते हैं. वहीं सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी और पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा कि जन स्वार्थ के लिये ट्रक मालिकों को सहायता करनी चाहिए.

नदियों से बालू, पत्थर व बोल्डर ना निकाले जाने की वजह से नदियों का पाट भरता जा रहा है. फलस्वरूप उत्तर बंगाल के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुयी है. राज्य सरकार के कई विकास मूलक कार्य के साथ भवन निर्माण आदि का कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है.

पिछले एक सप्ताह से स्थानीय ट्रक मालिकों ने धरना प्रदर्शन शुरू किया है. शनिवार को नागराकाटा के पूर्व कांग्रेस विधायक जोसेफ मुंडा भी इसमें शामिल हुए. उन्होंने बताया कि पूरे अगस्त महीने तक यह प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. डुआर्स के बेरोजगार ट्रक मालिक, चालक, खलासी और नदियों से बालू पत्थर निकालने वाले श्रमिक आदि ने एक साथ मिलकर यह आंदोलन शुरू किया है. इन लोगें ने ग्रीन बेंच के समक्ष नदियों से बालू, पत्थर निकालने का कार्य शुरू कराने की अर्जी भी पेश की है.

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