पहाड़ पर शिक्षकों को हो रही है भाषा की समस्या

सिलीगुड़ी: एनसीटीई के निर्देश अनुसार शिक्षकों को दो साल का शिक्षक प्रशिक्षण की डिग्री लेना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन प्रशिक्षण को लेकर सिलीगुड़ी के प्राथमिक शिक्षक, विशेषकर हिंदी और नेपाली माध्यम के शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है. एक तो इन शिक्षकों को समतल के स्थान पर पहाड़ी क्षेत्रों के शिक्षण संस्थान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:40 PM

सिलीगुड़ी: एनसीटीई के निर्देश अनुसार शिक्षकों को दो साल का शिक्षक प्रशिक्षण की डिग्री लेना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन प्रशिक्षण को लेकर सिलीगुड़ी के प्राथमिक शिक्षक, विशेषकर हिंदी और नेपाली माध्यम के शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है. एक तो इन शिक्षकों को समतल के स्थान पर पहाड़ी क्षेत्रों के शिक्षण संस्थान में भेजा जा रहा है.

दूसरा जहां भेजा जा रहा है, वहां भाषा की समस्या है. उनके रहने की उचित व्यवस्था नहीं है. इसे लेकर पिछले दिनों 17 मई को उत्तर बंगाल विकास मंत्री के साथ विशेष बैठक बुलायी गयी.

इस बातचीत से केवल 100 शिक्षकों को लाभ मिला. 517 शिक्षकों में से 100 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए कालिम्पोंग बीएड कॉलेज से सिलीगुड़ी बीएड कॉलेज भेज दिया गया है. लेकिन अब भी 417 शिक्षकों की समस्या बरकरार है. मंगलवार को पश्चिम बंगाल तृणमूल प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन की ओर से प्राथमिक विद्यालय परिषद के चेयरमैन समर चक्रवर्ती को ज्ञापन सौंपा गया. शिक्षक मुन्ना शर्मा ने बताया कि हमारी मांग है कि सभी शिक्षकों को डीएलईडी प्रशिक्षण की व्यवस्था समतल में हो. साथ ही भाषा की समस्या को दूर किया जाए. हिंदी और नेपाली के लिए कोई पाठ-सामग्री नहीं है.

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