छीटमहल वासियों ने की आंदोलन की तैयारी, गांवों के लोग हुए एकजुट नया संगठन बनाया
जलपाईगुड़ी. जलपाईगुड़ी में एक बार फिर से बेरूबाड़ी आंदोलन की तरह नये आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इस बार जलपाईगुड़ी के दक्षिण बेदूबाड़ी के चार गांव के लोग आंदोलन की रूपरेखा तय करने में जुट गये हैं. इन चार गांवों में करीब दस हजार लोग हैं. यह सभी लोग उत्तर बंग उन्नयन कमेटी […]
बांग्लादेश के नक्शे में इन चारों गांवों को दिखाया गया था. बाद में नेहरू-नून तथा इंदिरा-मुजीब समझौते के बाद इन चारों छींटमहलों को बांग्लादेशी नक्शे से हटा दिया गया. उसके बाद ही इन गांवों के लोगों की स्थिति नहीं सुधरी. दक्षिण बेदूबाड़ी प्रतिरक्षा कमेटी के अध्यक्ष तथा जलपाईगुड़ी जिला फॉरवर्ड ब्लॉक के अध्यक्ष शारदा प्रसाद दास ने आरोप लगाते हुए कहा कि छींटमहलवासियों के लिए करोड़ों रुपये दिये जाने की बात वह सुन रहे हैं, लेकिन इन चार गांवों के लोगों को अब तक एक रुपया भी नहीं मिला है.
जन्म तथा मृत्यु प्रमाण-पत्र तक नहीं दिये जा रहे हैं. यहां के लोगों को 100 दिन रोजगार योजना के तहत भी काम नहीं मिल रहा है. पेयजल की समस्या भी जस की तस बनी हुई है. इधर, प्रतिरक्षा कमेटी के कार्यकारी सदस्य तथा तृणमूल के अंचल अध्यक्ष नृपतिभूषण राय का कहना है कि उत्तर बंग उन्नयन संग्राम कमेटी से तृणमूल का कोई लेना-देना नहीं है.
हालांकि वह व्यक्तिगत रूप से इस कमेटी में हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पहल से ही भारत तथा बांग्लादेश के बीच छींटमहल विनिमय समझौता हुआ है. इसके तहत यहां के लोगों को भी सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए. जलपाईगुड़ी के तृणमूल सांसद विजय चन्द्र बर्मन के द्वारा इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया जायेगा. इधर, सांसद विजय चन्द्र बर्मन का कहना है कि उन्होंने इन गांवों का दौरा किया है. यहां केन्द्र सरकार ने वादे के अनुरूप कुछ भी नहीं किया है. वह इस मुद्दे को लोकसभा में उठायेंगे.