गोरखालैंड : 17वें दिन भी रिले अनशन जारी
दार्जिलिंग. अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोजमुमो के विद्यार्थी मोरचा का रिले अनशन आंदोलन 17वें दिन पहुं गया. दार्जिलिंग के मोटर स्टैंड से लेकर कर्सियांग स्टैंड और कालिम्पोंग के त्रिकोण पार्क में 24 घंटे का यह रिले अनशन जारी है. शुक्रवार को श्याम छेत्री,विक्रम छेत्री,कुशल राई,मनोज छेत्री,गोपाल छेत्री,संगम राई ओर प्रध्यूमन छेत्री अनशन […]
दार्जिलिंग. अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोजमुमो के विद्यार्थी मोरचा का रिले अनशन आंदोलन 17वें दिन पहुं गया. दार्जिलिंग के मोटर स्टैंड से लेकर कर्सियांग स्टैंड और कालिम्पोंग के त्रिकोण पार्क में 24 घंटे का यह रिले अनशन जारी है. शुक्रवार को श्याम छेत्री,विक्रम छेत्री,कुशल राई,मनोज छेत्री,गोपाल छेत्री,संगम राई ओर प्रध्यूमन छेत्री अनशन पर बैठे.दूसरी ओर,जनसभाओं का दौर भी चन रहा है. इसमें वक्ता राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
गोरखा जनमुक्ति युवा मोरचा के नेता पारसमणि छेत्री ने कहा कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए गोरखालैंड आन्दोलन जरूरी है. वह यहां युवा मोरचा द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे. जनसभा शुरू होने से पहले सिहंमारी क्षेत्र से एक विराट रैली भी निकाली गयी.रैली ने शहर की परिक्रमा की. बाद में यह रैली चौक बाजार पहुंची.
यहीं आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए श्री छेत्री ने कि यह आन्दोलन और भी जोरदार होना चाहिए. तभी राज्य सरकार पर दबाव बनेगा.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले,इस आंदोलन को दबाना संभव नहीं है और एक दिन अलग राज्य जरूर बनेगा. इसी तरह से दूसरे वक्ता भीम सुब्बा ने अपने भाषण में कहा कि राज्य सरकार आंदोलन को दबाने के लिए गोरखा समुदाय को विभाजित कर रही है. यह अंग्रेजों वाली बांटो और राज्य करो की नीति है. उन्होंने यह भी कहा कि विकास बोर्ड के नाम पर गोरखा जाति को नहीं बांटा जा सकता.