आखिकार डॉक्टर बनने वाला है गरीब का बेटा सोनू
जलपाईगुड़ी: गरीबी पर विजय हासिल कर सोनू डॉक्टर बनने वाला है. इच्छाशक्ति रहने से किसी भी परिस्थिति पर विजय हासिल किया जा सकता है. मेडिकल के ज्वाइंट परीक्षा में सफल होकर जलपाईगुड़ी के सोनू ने इसी बात को प्रमाणित किया है. सोनू जलपाईगुड़ी जिले के पहाड़पुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत टीबी अस्पताल रोड स्थित सारदापल्ली […]
जलपाईगुड़ी: गरीबी पर विजय हासिल कर सोनू डॉक्टर बनने वाला है. इच्छाशक्ति रहने से किसी भी परिस्थिति पर विजय हासिल किया जा सकता है. मेडिकल के ज्वाइंट परीक्षा में सफल होकर जलपाईगुड़ी के सोनू ने इसी बात को प्रमाणित किया है. सोनू जलपाईगुड़ी जिले के पहाड़पुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत टीबी अस्पताल रोड स्थित सारदापल्ली इलाके का निवासी है. वह काफी गरीब परिवार का लड़का है.
हाल ही में उसने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया है. डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिये छह वर्षों में करीब छह लाख रूपए की आवश्यकता है. प्रवेश परीक्षा में सफल होकर दाखिला लेने के बाद रूपया उसकी राह में रोड़ा बन गया है. रूपये की जुगाड़ में वह काफी भाग-दौड़ तो कर रहा है, लेकिन अब तक उसे कोइ दिखायी नहीं पड़ी है.
सोनू के जन्म के छह वर्ष बाद उसके पिता बावन दास की मौत हो गयी. उसकी मां रीता राजवंशी एक आंगनबाड़ी कर्मचारी है. उसकी मासिक आमदनी चार हजार रूपया है. इतने दिन तक तो किसी भी तरह से बेटे को पढ़ाया लेकिन अब उसके लिये इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करना लिये संभव नहीं हो रहा है.
वर्ष 2013 में सोनू ने अरविंद उच्च माध्यमिक विद्यालय के 83 प्रतिशत अंक लेकर माध्यमिक उत्तीर्ण हुआ. फिर वर्ष 2015 में 81 प्रतिशत अंक के साथ उसने उच्च माध्यमिक पास किया. परिवार की आर्थिक स्थिति की वजह से वह आज तक ट्यूशन नहीं पढ़ पाया. उसी वर्ष वह मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में शामिल हुआ लेकिन सफल नहीं हो पाया. फिर उसने आनंद चंद्र कॉलेज में जीव विज्ञान विषय में प्रतिष्ठा के साथ दाखिला लिया. कॉलेज की पड़ाई के साथ वह मेडिकल की प्रवेश परीक्षा की तैयारी में भी जुटा रहा. इस बार के मेडिकल प्रवेश परीक्षा के साधारण वर्ग में 6 हजार 92वां और एससी कोटा में 369 वां स्थान ग्रहण कर सोनू ने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया है. सोनू ने बताया कि मेडिकल की प्रवेश परीक्षा के लिये कोचिंग की काफी आवश्यकता थी, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति की वजह से वह कोचिंग नहीं ले पाया. इस महीने की 14 तारीख से उसकी डॉक्टरी की पढ़ाइ शुरू होगी. उसने कहा कि गरीबी को काफी करीब से देखा है, इसलिए चिकित्सक बनकर गरीबों की सेवा करना चाहता हूं. भविष्य में वह हृदय रोग का विशेषज्ञ बनने की इच्छा रखता है.
अरविंद उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुबोध कुमार लस्कर ने बताया कि शिक्षक दिवस के दिन यह उपलब्धि पाकर उसने विद्यालय के सभी शिक्षकों को एक उपहार दिया है. चिकित्सक बनने की राह में रूपया किसी भी प्रकार की अड़चन ना हो, इसके लिये शिक्षकों ने मिलकर एक संस्था से बात की है.उम्मीद है कि सोनू की समस्या दूर हो जायेगी.