कैटिरंग कंपनी के बाल्टी और बरतन से आंदोलन पर उतरे तृणमूल के लोग

सिलीगुड़ी. बीते पांच दिनों से सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में जारी पानी की किल्लत को लेकर तणमूल कांग्रेस (तृकां) पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगा है. आरोप है कि तृकां जन साधारण के लिए नहीं, बल्कि कैटरिंग मालिकों के लिए आंदोलन कर रही है. तृकां पर यह आरोप वामपंथी नेताओं ने लगाया है. इसकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2016 1:11 AM
सिलीगुड़ी. बीते पांच दिनों से सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में जारी पानी की किल्लत को लेकर तणमूल कांग्रेस (तृकां) पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगा है. आरोप है कि तृकां जन साधारण के लिए नहीं, बल्कि कैटरिंग मालिकों के लिए आंदोलन कर रही है. तृकां पर यह आरोप वामपंथी नेताओं ने लगाया है.

इसकी वजह यह है कि पानी की किल्लत को लेकर सोमवार को निगम में विरोधी दल के तृकां नेता नांटू पाल की अगुवायी में सभी तृकां पार्षद, तृकां युवा जिला कमेटी व तृकां की छात्र परिषद के नेता व कार्यकर्ता सैकड़ों की तादाद में मेयर अशोक भट्टाचार्य का घेराव करने बाल्टी एवं अन्य बर्तनों के साथ निगम के मुख्य गेट के सामने सुबह 10 बजे इकट्ठे हुए.

इन बाल्टी और बर्तनों पर किसी कैटरिंग कंपनी का नाम रंगों से लिखा हुआ था. ठीक 11 बजे मेयर अपनी कार से जैसे ही निगम के गेट पर पहुंचे, उसी दौरान तृकां के नेता और कार्यकर्ताओं ने मेयर की कार को गेट पर ही अटका दिया. मेयर को कार के अंदर ही घंटों अटका कर रखा. सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक मेयर का प्रदर्शनकारियों ने जमकर घेराव किया. इस दौरान अधिकांश प्रदर्शनकारियों के हाथों में पार्टी पताका के बजाये कैटरिंग कंपनियों के बाल्टी और बर्तन दिखायी दिये. यह देखकर वामपंथी नेताओं ने उल्टे तृकां को ही कटघरे में ला खड़ा किया है. वामपंथी नेताओं का कहना है कि तृकां पानी की किल्लत को लेकर गंदी राजनीति कर रही है.

तृकां को कैटरिंग मालिकों की चिंताः रामभजन महतो
सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर एवं तीन नंबर वार्ड के वामपंथी पार्षद रामभजन महतो ने तृकां पर तंज कसते हुए कहा है कि त???? ?? ृकां को जनसाधारण की असुविधाओं से कोई सरोकार नहीं है. तृकां नेताओं, कार्यकर्ताओं को पानी की किल्लत से कैटरिंग कंपनियों को हो रही असुविधाओं की अधिक चिंता सता रही है. पानी आपूर्ति में हो रही असुविधा की वजह से अधिकांश लोगों को पानी खरीदकर काम चलाना पड़ रहा है. इसका सबसे अधिक खामियाजा कैटरिंग मालिकों को भुगतना पड़ रहा है. प्रदर्शनकारियों के हाथों में कैटरिंग कंपनियों के बाल्टी और बर्तन से साफ जाहिर है कि तृकां का आंदोलन जनसाधारण के लिए नहीं है बल्कि कैटरिंग मालिकों के हित के लिए है.

Next Article

Exit mobile version