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नया साइली बागान के श्रमिक आंदोलन पर उतरे

जलपाईगुड़ी. जब पूरा बंगाल पूजा के उत्साह में डूबा हुआ, तब नया साइली चाय बागान के श्रमिकों को आंदोलन में उतरना पड़ रहा है. बागान खुलवाने की मांग को लेकर श्रमिकों ने गुरुवार को डुवार्स के नागराकाटा में भारत-भूटान अंतरराष्ट्रीय सड़क को सुबह सात बजे से जाम कर दिया. दोपहर तक यह जाम जारी था. […]

जलपाईगुड़ी. जब पूरा बंगाल पूजा के उत्साह में डूबा हुआ, तब नया साइली चाय बागान के श्रमिकों को आंदोलन में उतरना पड़ रहा है. बागान खुलवाने की मांग को लेकर श्रमिकों ने गुरुवार को डुवार्स के नागराकाटा में भारत-भूटान अंतरराष्ट्रीय सड़क को सुबह सात बजे से जाम कर दिया. दोपहर तक यह जाम जारी था. आंदोलनरत श्रमिकों ने कहा कि जब तक बागान खोले जाने का ठोस आश्वासन नहीं मिलता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. बागान में श्रमिकों की संख्या 1800 है.
उल्लेखनीय है कि गत 24 सितंबर को पूजा बोनस विवाद को लेकर श्रमिक असंतोष बढ़ने पर मालिक पक्ष बागान में सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लगाकर चला गया. बागान प्रबंधन का कहना है कि कोलकाता में मालिक पक्ष और श्रमिक यूनियनों के बीच समझौता हुआ था कि बागानों की आर्थिक स्थिति के आधार पर श्रमिकों को बोनस दिया जायेगा. नया साइली बागान में 16 प्रतिशत बोनस देना तय हुआ था. लेकिन श्रमिक घेराव और विरोध प्रदर्शन कर 19 प्रतिशत बोनस की मांग कर रहे थे. ऐसे में काननू-व्यवस्था को खतरे में देख हमने बागान में काम बंद करने का निर्णय लिया.
गुरुवार को श्रमिकों ने नागराकाटा से भूटान जाने के कुर्ती, चंपागुड़ी, मंगल लाइन, होप जैसे सात मार्गों को सुबह सात बजे से बंद कर दिया. इसकी वजह से दोनों देशों के बीच सड़क यातायात पूरी तरह बंद हो गया. बागान के एक श्रमिक धीमेश बागोआर ने बताया कि मालिक ने अन्यायपूर्ण तरीके से बागान बंद किया है.
पूजा के समय अगर हमें खाना नहीं मिला, तो हम संघर्ष करते हुए जान देंगे. जब तक बागान खोले जाने के प्रयास नहीं होते हैं, यह जाम नहीं हटेगा. एक अन्य श्रमिक रंतु भुइयां ने बताया कि बागान बंद होने के बाद श्रम विभाग ने दो बार त्रिपक्षीय बैठक बुलायी, लेकिन मालिक पक्ष उपस्थित नहीं हुआ. हम चाहते हैं कि मालिक पक्ष बागान खोले.
इस बारे में जलपाईगुड़ी श्रम विभाग के सहायक श्रम अधिकारी हीरालाल पान ने बताया कि हमने गत 4 अक्तूबर को मालिक और श्रमिक पक्ष के साथ त्रिपक्षीय बैठक बुलायी थी. लेकिन बागान प्रबंधन उस बैठक में नहीं आया. इसकी वजह से बागान का पक्ष हम नहीं जान पाये. उन्होंने कहा कि जबतक मालिक पक्ष की राय नहीं मिलती है, तब तक अगली बैठक की तारीख तय करने का कोई मतलब नहीं है.
इधर, नया साइली बागान के मैनेजर भरत शर्मा ने कहा कि श्रमिक उनके ऊपर ज्यादा बोनस देने के लिए दबाव डाल रहे थे. लेकिन समझौते के बाहर जाकर बोनस देना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही श्रम विभाग के साथ संपर्क करेंगे.

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