अब रक्त के नाम पर शुरू हुई ठगी
ब्लड क्रेडिट कार्ड से होता है फर्जीवाड़ा ठगों का बड़ा ग्रुप सिलीगुड़ी में सक्रिय एक की गिरफ्तारी से हुआ सनसनीखेज खुलासा सिलीगुड़ी : पैसे के लिए फर्जीवाड़ा करने का कोई ओर छोर नहीं है. लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं. अब रक्त के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. इस […]
ब्लड क्रेडिट कार्ड से होता है फर्जीवाड़ा
ठगों का बड़ा ग्रुप सिलीगुड़ी में सक्रिय
एक की गिरफ्तारी से हुआ सनसनीखेज खुलासा
सिलीगुड़ी : पैसे के लिए फर्जीवाड़ा करने का कोई ओर छोर नहीं है. लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं. अब रक्त के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. इस प्रकार के मामले सामने आने के बाद रक्तदान शिविर आयोजित करने वाले विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की नींद उड़ी हुई है. इस अजीबो-गरीब मामले की जानकारी शायद किसी को नहीं होती. लेकिन डोनर कार्ड बिक्री कर रहे एक युवक की गिरफ्तारी के बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है.
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अधीन न्यू जलपाईगुड़ी आउटपोस्ट पुलिस ने सुमन गुहा नामक एक युवक को गिरफ्तार किया है. जलपाईगुड़ी अदालत में उसकी पेशी हुई और पुलिस ने उसे अपने रिमांड पर लिया है. उससे पूछताछ के बाद कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. कुछ और लोगों का भी नाम सामने आया है. पुलिस उन लोगों की भी तलाश कर रही है.
इस बात की जानकारी जैसे ही सिलीगुड़ी के प्रमुख स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा वेस्ट बंगाल वोलंटरी ब्लड डोनर फोरम के सचिव सोमनाथ चटर्जी को मिली, तो वह भी पुलिस से इस मामले की जानकारी जुटाने पहुंच गये. श्री चटर्जी ने बताया है कि यह अपने आप में एक अद्भूत मामला है. यदि कोई स्वेच्छा से रक्तदान करता है, तो उसे रक्तदान शिविर आयोजित करने वाले संगठन की ओर से एक ब्लड क्रेडिट कार्ड रक्तदाता को प्रदान किया जाता है.
इसका मतलब यह है कि यदि उस रक्तदाता को अपने तथा किसी के जान-पहचान वाले को कभी भी बीमारी में रक्त की आवश्यकता होती है, तो उस कार्ड को दिखाकर मुफ्त में एक युनिट रक्त लिया जा सकता है. इस गिरोह के सदस्य इसी कार्ड का जुगाड़ कर इस प्रकार की ठगी को अंजाम दे रहे थे. श्री चटर्जी ने आगे बताया है कि इस गिरोह के सदस्य पहले ही विभिन्न स्रोतों से रक्तदाताओं के नाम एवं पता का जुगाड़ कर लेते थे. उसके बाद अपने पिता, भाई अथवा किसी रिश्तेदार के कैंसर अथवा किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की बात कर रक्त की आवश्यकता बताते थे.
यह लोग भावनाओं में बहाकर रक्तदान करने वाले व्यक्ति से ब्लड क्रेडिट कार्ड संग्रह करने में सफल होते थे. बाद में इन ब्लड क्रेडिट कार्डों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक के आसपास सक्रिय दलालों को 300 से 500 रुपये में बेच देते थे. बाद में वही दलाल जरूरतमंद रोगियों को 2000 से 3000 रुपये में ब्लड डोनर कार्ड दे देते थे.
इस तरह का फजीवाड़ा पिछले कई महीनों से जारी था. इस बात की जानकारी गेट बाजार के युव भारती वेलफेयर आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष विप्लव राय को मिली. उन्हें पता चला कि कुछ युवक इलाके में अपने रिश्तेदारों की बीमारी का बहाना बनाकर ब्लड क्रेडिट कार्ड लेने में जुटे हुए हैं. वह मामले की जानकारी जुटाने में लग गये. उसके बाद सुमन गुहा का नाम सामने आया. उन्हीं की शिकायत पर सुमन गुहा की गिरफ्तारी हुई है.
श्री चटर्जी ने इस मामले में आम लोगों से जागरूक रहने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि यदि को किसी की बीमारी का बहाना बनाकर ब्लड क्रेडिट कार्ड मांगने की कोशिश करे, तो उसकी पूरी छानबीन की जानी चाहिए. बहारहाल, इस मामले की जांच पुलिस भी कर रही है. पुलिस सूत्रों के अनुसार कई और लोगों की गिरफ्तारी इस मामले में हो सकती है.