स्वर्गीय बेनु आधिकारी के छंद तरंग का फिर छिड़ेगा राग
सिलीगुड़ी. करीब बीस वर्ष पुराने संगीत राग को फिर से उत्तर बंगाल में छेड़ा जायेगा. उत्तर बंगाल के प्रख्यात तबला वादक बेनु अधिकारी द्वारा बनाये गये छंद तरंग को लेकर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. सिलीगुड़ी के संगीत कला एकेडमी के तत्वाधान में कल से 3 और 4 नवंवर की शाम […]
सिलीगुड़ी. करीब बीस वर्ष पुराने संगीत राग को फिर से उत्तर बंगाल में छेड़ा जायेगा. उत्तर बंगाल के प्रख्यात तबला वादक बेनु अधिकारी द्वारा बनाये गये छंद तरंग को लेकर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. सिलीगुड़ी के संगीत कला एकेडमी के तत्वाधान में कल से 3 और 4 नवंवर की शाम यह कार्यक्रम शहर के दीनबंधु मंच में आयोजित होगा. आयोजकों ने इस कार्यक्रम को छंद तरंग के निर्माता बेनु अधिकारी को समर्पित किया है इसका नाम बेनु अधिकारी स्मृति संगीत सम्मेलन रखा है.
बुधवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए आयोजक कमिटी के कर्णधार और बेनु अधिकारी के पुत्र सुबीर अधिकारी ने बताया कि आज से करीब बीस वर्ष पहले उनके पिता ने छंद राग का निर्माण किया था. 1990 में सिलीगुड़ी के दीनबंधु मंच में ही इस राग को प्रस्तुत किया गया था. उसके बाद उनकी यह कृति खो गयी. फिर किसी भी कलाकार ने इस राग को दोबारा नहीं छेड़ा. इस राग को फिर से 3 नवंबर की शाम दीनबंधु मंच पर छेड़ा जायेगा. दो दिवसीय इस कार्यक्रम में तबला वादन के विभिन्न रागो के साथ संगीत व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा. छंद तरंग राग के संबंध में जानकारी देते हुए सुबीर अधिकारी ने बताया कि अधिकांश लोगो ने फिल्म या संगीत में तबला की धुन सुनी है. तबला वादन भी एक कला है और इसका अपना महत्व है.
इस संगीत सम्मेलन में तबला वादन को ही प्रश्रय दिया जा रहा है. पिता जी द्वारा बनाये गये राग को फिर से उत्तर बंगाल के लोगों के सामने लाया जायेगा. इस कार्यक्रम को लेकर सिलीगुड़ी के लोगों में काफी उत्साह दिख रहा है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अमेरिका की सुर और माला म्यूजिक फाउंडेशन की ओर से भी सहायता की जा रही है. 3 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में वे स्वयं हारमोनिय बजायेंगे,जबकि देवांजन घोष तबला, असीम मजुमदार तबला, संदीप सिन्हा तबला, जीवन राय चौधरी तबला और सौमिक दास पार्कसन बजाते नजर आयेंगे. गुरूवार और शुक्रवार की शाम साढ़े पांच बजे से साढ़े आठ बजे तक तबला वादन का रंगारंग कार्यक्रम होगा.