एक तरह से कहें तो जिला शिक्षा विभाग का काम-काज राम भरोसे चल रहा है. यहां उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई को माध्यमिक विद्यालय निरीक्षक आशीष चौधरी रिटायर हुए हैं. जबकि प्राथमिक शिक्षा संसद के चेयरमैन दिलीप देवनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके परिणाम स्वरूप यह दोनों पद खाली है. प्राथमिक विद्यालय निरीक्षक गोपाल विश्वास को इन दोनों पदों का अतिरिक्त पदभार सौंप दिया गया है. जिसके परिणाम स्वरूप श्री विश्वास काम के बोझ से दबे हुए हैं. उन्हें खुद ही पता नहीं है कि दोनों खाली पदों को कब तक भरा जायेगा. हालांकि उनका कहना है कि राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने दोनों पदों को शीघ्र भरने का भरोसा दिया है.
शिक्षा के मामले में मालदा जिले को 31 जोन में बांटा गया है. जिनके अंदर कुल 1945 प्राथमिक स्कूल है. इसके अलावा उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्कूलों की संख्या 566 है. 82 मदरसे भी हैं. प्राथमिक स्कूलों में 8 हजार से भी अधिक शिक्षक हैं, जबकि उच्च माध्यमिक, माध्यमिक तथा मदरसे आदि को मिलाकर शिक्षकों तथा स्कूल कर्मियों की संख्या 8646 है. मालदा जिले में पांचवीं तथा से लेकर दसवीं तक के छात्र-छात्रों की संख्या 4 लाख से भी अधिक है. उच्च माध्यमिक के छात्र-छात्राओं की संख्या 76 हजार से अधिक है. हालांकि प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का सही आंकड़ा का पता नहीं चल सका है. जिला शिक्षा विभाग को भी इसकी जानकारी नहीं है.
जाहिर तौर पर मालदा में शिक्षा विभाग पर एक बड़ी जिम्मेदारी है. ऐसे में दो-दो महत्वपूर्ण पद खाली रहने से काम-काज प्रभावित होने की संभावना बनी हुई है. गोपाल विश्वास को नित्य दिनों के काम-काज को देखने के साथ ही रिटायर कर्मचारियों के पेंशन फाइल, प्रोविडेंड फंड आदि फाइल भी देखने पड़ रहे हैं. ऐसे फाइलों की भरमार लग गई है. इस मामले में प्रश्न करने पर श्री विश्वास ने कहा कि वह किसी प्रकार से अपनी जिम्मेदारी निभाने की कोशिश कर रहे हैं. वह इस दफ्तर से उस दफ्तर में दौड़ते रहते हैं. उनकी कोशिश होती है कि तीनों दफ्तरों में अपना समय दे सकें. उन्होंने कहा कि यदि कभी अदालती काम से उन्हें कोलकाता जाना पड़ता है तो बड़ी परेशानी होती है.
कोलकाता आने-जाने में एक-दो दिन लग जाते हैं. इसी दौरान कई फाइल उनके कार्यालय में जमा हो जाता है. वेतन के संबंध में कहा कि कर्मचारियों को समय पर वेतन मिले, इसके लिए राज्य सरकार काफी सचेष्ट है. समय के अंदर ही मामले जिले में भी शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को वेतन मिल जाता है. हां, यदि वह किसी कारण से बीमार हो गये, तो कर्मचारियों को वेतन मिलने में परेशानी हो सकती है. इस मामले में तृणमूल शिक्षा सेल के जिला अध्यक्ष विप्लव गुप्ता से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि समस्या कहां नहीं है. चाहे जितनी भी समस्या हो, गोपाल विश्वास अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभा रहे हैं. राज्य सरकार शीघ्र ही खाली दोनों पदों को भरेगी. माकपा समर्थित निखिल बंग शिक्षक समिति ने भी दोनों पदों को भरने की मांग की है.