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WB : सिलीगुड़ी में विस्फोटकों का जखीरा मिलने से हड़कंप
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के प्रधान नगर थाना अंतर्गत दार्जिलिंग मोड़ इलाके से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने से पुलिस महकमे में खलबली है. इस मामले की जांच सीआइडी को सौंपने की कवायद तेज होती दिख रही है. विस्फोटक के साथ गिरफ्तार तीन आरोपियों के साथ पूछताछ जारी है. सोमवार को उत्तर बंगाल […]
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के प्रधान नगर थाना अंतर्गत दार्जिलिंग मोड़ इलाके से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने से पुलिस महकमे में खलबली है. इस मामले की जांच सीआइडी को सौंपने की कवायद तेज होती दिख रही है. विस्फोटक के साथ गिरफ्तार तीन आरोपियों के साथ पूछताछ जारी है. सोमवार को उत्तर बंगाल के एडीजी व आइजी (कार्यवाहक) सिद्धिनाथ गुप्ता, सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर सीएस लेप्चा, डीसीपी सीआइडी अभिजीत घोषाल सहित अन्य अधिकारी आरोपियों से पूछताछ के लिए प्रधान नगर थाने पहुंचे. हालांकि इस मामले को लेकर किसी भी अधिकारी ने मुंह नहीं खोला.
उल्लेखनीय है कि भारत-पाकिस्तान पर चल रहे तनाव के मद्देनजर देश के सभी सीमावर्ती इलाकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सिलीगुड़ी तीन पड़ोसी देशों बांग्लादेश, भूटान और नेपाल की सीमा से काफी करीब है. सिलीगुड़ी के ‘चिकेन नेक’ में स्थित होने के कारण यहां वैसे भी पुलिस-प्रशासन की कड़ी नजर रहती है. एक गुप्त सूचना के आधार पर प्रधान नगर थाने की पुलिस ने शनिवार रात को दार्जिलिंग मोड़ इलाके में किराये के एक मकान में रहने वालों के पास भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया है. तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन तीनों में एक दंपती भी शामिल है.
पुलिस कमिश्नर सीएस लेप्चा से मिली जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में कृष्ण प्रसाद अधिकारी (50), पूजा लिंबू (35) और दावा शिरिंग भूटिया (40) शामिल हैं. ये तीनो पड़ोसी देश नेपाल के झापा जिले के निवासी हैं. पिछले 19 वर्ष ये तीनो शिलांग स्थित एक कोयले की खादान में मजदूरी का काम करते थे. किसी कारणवश खदान बंद होने के बाद इधर-उधर मजदूरी कर अपना पेट पालते थे. पिछले छह महीनों से ये तीनों दार्जिलिंग मोड़ इलाके में किराये पर रहते थे. पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, इलाके में इन लोगों ने स्वयं को होटल व्यवसायी बताया था. रविवार की सुबह प्रधान नगर थाने की पुलिस टीम द्वारा चलाये गये अभियान में किराये के उस मकान से 609 जिलेटिन स्टिक, 200 डिटोनेटर और 630 मीटर कोडेक्स वायर बराद हुआ.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की साठगांठ किसी आतंकी संगठन से भी हो सकती है. इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक का बंदोबस्त करने के पीछे का रहस्य पुलिस अब तक जान नहीं पायी है. जानकारों का कहना है कि इस तरह से विस्फोटक का प्रयोग खदानों में चट्टानों को तोड़ने में किया जाता है. इस आधार पर इन तीन आरोपियों पर अवैध माइनिंग गिरोह से जुड़े होने की भी संभावना है. प्रधान नगर थाने की पुलिस टीम मामले की जांच में जुट गयी है. हालांकि जांच सीआइडी को सौंपे जाने की कवायद भी तेज दिख रही है.
सोमवार को उत्तर बंगाल के एडीजी व कार्यवाहक आइजी, पुलिस कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर सहित खुफिया विभाग के अधिकारियों ने आरोपियों से घंटों जिरह की. हालांकि इस संबंध में किसी भी अधिकारी ने मुंह नहीं खोला है. सूत्रों से मिली जानकारी में आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि विस्फोटक शिलांग का बासु नामक एक व्यक्ति मुहैया कराता था. इस विस्फोटक को ये नेपाल में बिक्री करते थे. एक कार्टून में 200 पीस डिटोनेटर होते हैं. नेपाल में इसकी कीमत पचास हजार रुपये है, जबकि भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत तीस हजार रुपये के करीब है. किसी आतंकी संगठन के साथ जुड़े होने का खुलासा अब तक नहीं हुआ है.
उल्लेखनीय है कि किराये का मकान में रहने वालों की सभी जानकारी स्थानीय पुलिस थाने को उपलब्ध कराने का निर्देश सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की ओर से काफी पहले जारी किया गया था. लेकिन नागरिक इस निर्देशिका को अभी भी अंगूठा दिखा रहे हैं. यह घटना इसका एक उदाहरण भी है. प्रशासन के निर्देश का पालन ना करने पर पुलिस उस मकान मालिक को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है, जिस मकान में ये तीनों आरोपी रहते थे.
सोमवार की सुबह दस बजे से ही प्रधान नगर थाने में अधिकारियों का जमावड़ा लगने लगा. उत्तर बंगाल के एडीजी व कार्यवाहक आइजी सिद्धिनाथ गुप्ता ने करीब चालीस मिनट तक तीनों आरोपियों से जिरह की और चले गये. पत्रकारों ने उनसे बात करने की काफी कोशिश की, लेकिन वह कुछ नहीं बोले. इसके बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर भी बिना कुछ बोले ही निकल गयीं. अंत में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के डिप्टी पुलिस कमिश्नर (हेडक्वार्टर) इंद्र चक्रवर्ती ने कहा कि मामला प्रधान नगर थाने का है. पुलिस अधिकारी मामले की जांच में जुटे हुए हैं. अदातल ने तीन दिन में विस्फोटकों को निष्क्रिय करने का निर्देश दिया है. मंगलवार को सेना की मदद से विस्फोटक को निष्क्रिय कर दिया जायेगा.
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