कोई बता रहा जनता की तकलीफ, तो कोई दे रहा देश की दुहाई
सिलीगुड़ी. केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ और हजार के नोटों पर रोक लगाये जाने के बाद इसका प्रभाव हर क्षेत्र में पड़ रहा है. शेयर बाजार से लेकर कृषि, व्यवसाय, शिक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य, यातायात तक पर. बैंक से नये नोट लेने के लिए लंबी कतारें लग रही हैं. देश के अन्य शहरों की तरह सिलीगुड़ी […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
November 13, 2016 8:20 AM
सिलीगुड़ी. केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ और हजार के नोटों पर रोक लगाये जाने के बाद इसका प्रभाव हर क्षेत्र में पड़ रहा है. शेयर बाजार से लेकर कृषि, व्यवसाय, शिक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य, यातायात तक पर. बैंक से नये नोट लेने के लिए लंबी कतारें लग रही हैं. देश के अन्य शहरों की तरह सिलीगुड़ी में भी भारी संख्या में एटीएम एवं बैंक में लोग नोट बदलने, पुराने नोट जमा करने और पैसा निकालने के लिए घंटों लाइन में खड़े हो कर सच्चे देशवासी होने का कर्तव्य अदा कर रहे हैं. इसके मद्देनजर प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने आम जनता से प्रतिक्रिया ली.
पेश हैं इनमें से कुछ प्रतिक्रियाएं : डॉ आरके अग्रवाल (चिकित्सक व समाजसेवी) – सिलीगुड़ी के नामी चिकित्सक व कई सामाजिक संगठनों से जुड़े समाजसेवी डॉ आरके अग्रवाल ने पांच सौ और हजार के नोटों पर मोदी के सर्जिकल स्ट्राइक को एतिहासिक कदम करार दिया है. उनका कहना है कि इससे केवल काला धन या भ्रष्टाचार पर ही रोक नहीं लगेगी, बल्कि मोदीजी ने देश विरोधी ताकतों को करारा जवाब भी दिया है. जाली नोट बनानेवाले आतंकियों को एक ही रात में अलग-थलग कर दिया है. कुछ दिनों की तकलीफ लोगों को अवश्य उठानी पड़ेगी. लेकिन मोदीजी देश को विकास की राह पर ले जाने के लिए एक के बाद एक तुरूप के पत्ते खोल रहे हैं. हम देशवासियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में हर संभव सहयोग करें.
ललित अग्रवाल (वित्तीय सलाहकार व अधिवक्ता) – वित्तीय सलाहकार व पेशे से अधिवक्ता ललित अग्रवाल का कहना है कि जाली नोट के धंधे, काला धन और भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म करने के लिए मोदी ने कूटनीति चली है.
इससे न सिर्फ देश का विकास होगा, बल्कि हर वर्ग के लोगों को इसका प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से फायदा पहुंचेगा. उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि पांच सौ और हजार के नोट पर सर्जिकल स्ट्राइक से शुरुआती कुछ दिन सभी को आंशिक रूप से तकलीफ झेलनी पड़ सकती है, लेकिन कुछ दिनों बाद ही सब सामान्य हो जायेगा और भविष्य उज्ज्वल होगा. मोदीजी का यह साहसिक कदम पूरी तरह देशहित में है.
मिथिलेश मिश्रा (समाजसेवी) – समाजसेवी व बिहारी युवा चेतना समिति के उत्तर बंगाल इकाई के अध्यक्ष मिथिलेश मिश्रा ने मोदी द्वारा पांच सौ और हजार के नोट पर रोक लगाने को पूरी तरह जनविरोधी नीति करार दिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर मोरचे पर विफल हो रही है, इसलिए भाजपा की डूबती नैया को पार लगाने के लिए मोदी ने यह शिगूफा छोड़ा है. पुराने नोटों पर रोक लगाने की योजना पूरी तरह राजनैतिक लाभ से प्रेरित है. सामने उत्तर प्रदेश व पंजाब में चुनाव होने जा रहा है. चुनाव से पहले के सर्वे रिपोर्ट में दोनों राज्यों में ही भाजपा तीसरे पायदान पर खड़ी है. भाजपा की साख बचाने के लिए ही मोदी ने ठीक चुनाव से पहले यह राजनीति खेली है. श्री मिश्रा ने कहा कि मोदी देश और देश की जनता के लिए नहीं, बल्कि भाजपा के लिए मार्केटिंग ब्रांड का काम कर रहे है और इसका खमियाजा मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
बच्छराज बोथरा (कारोबारी व समाजसेवी) – युवा कारोबारी व तेरापंथ युवक परिषद से जुड़े बच्छराज बोथरा ने सरकार के कदम की जमकर तारीफ की. उनका कहना है कि काला धन व जाली नोट पर नकेल कसने और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए मोदीजी को पहले ही यह साहसिक कदम उठाना चाहिए था. श्री बोथरा का कहना है कि कोइ्र भी नयी शुरुआत के लिए एक बार सभी को जोखिम उठाना पड़ता है और कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन कुछ दिनों की समस्या अगर देशहित में है, तो हम एक भारतीय होने के नाते यह समस्या झेलने को हमेशा तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मोदीजी के इस फैसले से फिलहाल कारोबार पर आंशिक असर पड़ा है, लेकिन यह कुछ दिनों के लिए ही है. जल्द ही सब सामान्य हो जायेगा.