केपीपी ने फिर दिया भाजपा को झटका
सिलीगुड़ी. राज्य विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार भी कूचबिहार लोकसभा उपचुनाव में कामतापुर प्रोग्रेसिव पार्टी (केपीपी) ने भाजपा को झटका दिया है. दरअसल अपने इस कदम से यह पार्टी अपने दोनों हाथों में लड्डू लेकर चलना चाहती है. पार्टी भाजपा के साथ ही तृणमूल के साथ भी संपर्क बनाये रखना चाहती है. कामतापुरी […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
November 17, 2016 12:33 AM
सिलीगुड़ी. राज्य विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार भी कूचबिहार लोकसभा उपचुनाव में कामतापुर प्रोग्रेसिव पार्टी (केपीपी) ने भाजपा को झटका दिया है. दरअसल अपने इस कदम से यह पार्टी अपने दोनों हाथों में लड्डू लेकर चलना चाहती है. पार्टी भाजपा के साथ ही तृणमूल के साथ भी संपर्क बनाये रखना चाहती है. कामतापुरी भाषा की मान्यता और अलग कामतापुर राज्य की मांग को लेकर पार्टी दिसंबर महीने से तृणमूल के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर चुकी है.
इसीबीच तृणमूल नेता मुकुल राय से मुलाकात के बाद कूचबिहार लोकसभा उपचुनाव में तृणमूल उम्मीदवार के समर्थन की घोषणा कर दी. पार्टी के केंद्रीय कमिटी के अतिरिक्त महासचिव दुधारू राय ने यह घोषणा पत्रकारों के बीच की . पत्रकार सम्मेलन में दार्जिलिंग जिला कमिटी के सचिव संजय सरकार और जलपाईगुड़ी जिला सचिव मोहम्मद हसिबुल भी उपस्थित थे.
उल्लेखनीय है कि कामतापुर अलग राज्य की मांग काफी पुरानी है. अलग राज्य के साथ कामतापुरी भाषा को मान्यता दिलाना इनकी प्राथमिकता रही है. काफी संघर्ष के बाद भी इनकी मांग अधुरी पड़ी हुयी है. भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही छोटे राज्यों के गठन का पक्षधर रही है. केपीपी भी पहले भाजपा का ही दामन थामे थी. काफी दिनों के साथ भी कुछ लाभ होता ना देख बीते विधानसभा चुनाव में केपीपी ने तृणमूल को समर्थन दिया. तब ममता बनर्जी ने स्वयं इनकी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था. इसके बाद इसी वर्ष के 25 मार्च को तृणमूल नेता गौतम देव के साथ एक बैठक कर केपीपी ने तृणमूल को समर्थन देने का ऐलान किया. राज्य में लगातार दूसरी बार सरकार में आने के बाद ममता बनर्जी ने अब तक केपीपी की ओर मुड़ कर नहीं देखा है. मुख्यमंत्री के इस वर्ताव से केपीपी में तृणमूल के खिलाफ एक रोष तैयार हुआ था. बुधवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री राय ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय कमिटी की एक बैठक में अलग राज्य व कामतापुरी भाषा की स्वीकृति के लिये दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना व उत्तर बंगाल के साथ पूरे राज्य में आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली गयी थी. श्री राय ने बताया कि बीते मंगलवार को तृणमूल के महासचिव व पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल राय चुनाव प्रचार के लिए कूचबिहार आये थे. मंगलवार की रात केपीपी के पांच सदस्यों के एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मुलाकात कर कूचबिहार लोकसभा उपचुनाव में तृणमूल को समर्थन देने की सहमति दी है.
उन्होंने बताया कि यह बात सच है कि राज्य में सरकार बनाने के छह महीने बाद भी तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केपीपी की मांग को लेकर कोइ कदम नहीं उठाया है, लेकिन मुकुल राय ने आश्वासन दिया है कि इसी महीने कामतापुरी भाषा की स्वीकृति के लिये विधानसभा में बिल लाया जायेगा. उनके इसी आश्वासन पर केपीपी ने तृणमूल को समर्थन देने का ऐलान किया है. अब द्वंद यह है कि केपीपी उपचुनाव में तृणमूल का समर्थन करेगी तो पहले से निर्धारित आंदोलन का क्या होगा. इस संबंध में श्री राय ने कहा कि आंदोलन के विषय पर केपीपी की केंद्रीय कमिटी एक बैठक कर निर्णय लेगी.