पैसे के लिए भोर होने से पहले ही लोग लग रहे लाइन में
सिलीगुड़ी: नोटबंदी के बाद से आम आदमी अपना ही पैसा पाने के लिए तरस रहा है. गरीबों के घरों में चूल्हा तक जलना मुश्किल हो गया है. पुराने नोट जमा करने और नये नोट निकालने के लिए बैंकों व एटीएम में मारामारी मची हुई है. 10 दिनों के बाद भी लोगों को कुछ ज्यादा राहत […]
सिलीगुड़ी: नोटबंदी के बाद से आम आदमी अपना ही पैसा पाने के लिए तरस रहा है. गरीबों के घरों में चूल्हा तक जलना मुश्किल हो गया है. पुराने नोट जमा करने और नये नोट निकालने के लिए बैंकों व एटीएम में मारामारी मची हुई है. 10 दिनों के बाद भी लोगों को कुछ ज्यादा राहत नहीं मिली है. आलम यह है कि बैंकों व एटीएम के सामने लोग भोर होने से पहले ही कतार में लग जा रहे हैं. लाइन में आगे जगह मिल जाये, इसके लिए अब कुछ लोग आधी रात में ही घर से निकल जा रहे हैं और बैंक के सामने ही बिस्तर बिछा कर सोते नजर आने लगे हैं. ऐसा ही वाक्या गुरुवार तड़के तीन बजे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की प्रधाननगर शाखा के सामने देखने को मिला.
घुप अंधेरे के बीच बैंक के मेन गेट के ठीक सामने एक व्यक्ति को सोते देख राह चलते लोग हैरान हो गये. सिलीगुड़ी के 47 नंबर वार्ड के डीजल कॉलोनी निवासी श्यामल चक्रवर्ती ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी के फैसले के बाद पैसे के लिए बैंकों व एटीएम के सामने दिनभर लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है. सुबह से रात तक लाइन में खड़ा रहने के बावजूद पैसे नहीं मिल पा रहे. इस वजह से घर खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. रुपये-पैसों के अभाव में बच्चों के स्कूल फी जमा नहीं हो रही है. दवाई-पानी, हर रोजमर्रा के सामान जैसे साग-सब्जी, दूध खरीदना भी मुश्किल हो गया है.
इसी मजबूरी की वजह से उन्होंने तड़के तीन बजे से ही बैंक के सामने सोकर लाइन लगा दिया है. बीते 10 दिनों से बैंकों व एटीएम में झक मार रहे श्यामल को इसी उम्मीद के साथ बैंक के सामने सोये हैं कि सुबह बैंक खुलते ही उन्हें पैसे आसानी से मिल जायेंगे और उनकी समस्या का निदान हो जायेगा. इतनी मुश्किलों को झेलने के बावजूद श्यामल चक्रवर्ती मोदी सरकार के फैसले के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. वह मोदी सरकार के कदम को देशहित में बता रहे हैं. उनका कहना है कि इस ऐतिहासिक फैसले से देश की तसवीर बदलेगी.