बीएसएफ ने 52 पशुओं को तस्करी से बचाया
सिलीगुड़ी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हजार तथा पांच सौ रुपये के नोट रद्द किये जाने के बाद इससे तस्करी जैसे अवैध धंधों पर रोक लगने के दावे किये जा रहे हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि उत्तर बंगाल में तस्कर अब भी सक्रिय हैं. ऐसे ही एक मामले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की […]
सिलीगुड़ी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हजार तथा पांच सौ रुपये के नोट रद्द किये जाने के बाद इससे तस्करी जैसे अवैध धंधों पर रोक लगने के दावे किये जा रहे हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि उत्तर बंगाल में तस्कर अब भी सक्रिय हैं. ऐसे ही एक मामले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की खुफिया विंग के जवानों ने तस्करी होने वाले 52 पशुओं को बचा लिया. बीएसएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीमांत मुख्यालय खुफिया विंग की क्विक रिस्पांस टीम को पहले से ही पशु तस्करी की गुप्त सूचना थी. इसके बाद शुक्रवार की रात को अभियान चलाया गया.
बीएसएफ के जवानों ने न्यू जलपाइगुड़ी थाना क्षेत्र के फुलबाड़ी के निकट जुटियागली इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग से एक ट्रक को पकड़ा. जब उसकी तलाशी ली गयी, तो उसमें पशुओं को ठूंस-ठूंस कर भरा पाया गया. कुल 52 पशुओं को एक ही ट्रक में बड़े ही अमानवीय तरीके से रखा गया था. पशुओं को सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी. बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि कुछ समय पहले से ही बीएसएफ को इस प्रकार की तस्करी बढ़ने की जानकारी मिल रही थी. इसके अनुसार पशुओं को कूचबिहार होते हुए असम ले जाकर बांग्लादेश में तस्करी की योजना थी. नदी से तस्कर पशुओं को सीमा पार कराते हैं.
बीएसएफ ने पशुओं से लदे ट्रक को भी जब्त कर लिया है और इसके साथ ही दो तस्करों भी दबोचा गया है. पकड़े गये पशुओं को बिहार के कटिहार से लाया जा रहा था. इन पशुओं तथा जब्त ट्रक की बाजार कीमत करीब साढ़े 14 लाख रुपये है. बीएसएफ के डीआइजी अखिल दीक्षित ने कहा कि अवैध रूप से पशुओं की तस्करी करने वालों के खिलाफ बीएसएफ के जवान समय-समय पर अभियान चलाते रहते हैं. इस प्रकार के अभियान आगे भी जारी रहेंगे. पशुओं की अवैध तस्करी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगा. उन्होंने इस अभियान में शामिल बीएसएफ जवानों की सराहना भी की.