अवैध होम के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया अभियान

जलपाईगुड़ी. गोद देने के नाम पर कुछ निजी नर्सिंग होम और स्वयंसेवी संगठनों शिशुओं की तस्करी के मामले में लिप्त हैं या नहीं,इसकी जानकारी हासिल करने के लिए जिला स्वस्थ्य विभाग ने एक अभियान की शुरूआत की है. दस दिनों के अंदर ही एक रिपोर्ट तैयार कर जिला अधिकारी तथा राज्य स्वास्थ्य विभाग को भेज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2016 1:22 AM
जलपाईगुड़ी. गोद देने के नाम पर कुछ निजी नर्सिंग होम और स्वयंसेवी संगठनों शिशुओं की तस्करी के मामले में लिप्त हैं या नहीं,इसकी जानकारी हासिल करने के लिए जिला स्वस्थ्य विभाग ने एक अभियान की शुरूआत की है. दस दिनों के अंदर ही एक रिपोर्ट तैयार कर जिला अधिकारी तथा राज्य स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया जायेगा.यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर गोद देने की आड़ में शिशुओं की तस्करी का मामला सामने आने के बाद खलबली मची हुयी है.

इस मामले में कइ स्वयंसेवी संगठनों के साथ ही गैर सरकारी होम एवं नर्सिंग होम का नाम सामने आया है.इस संबंध में जिले की सीएमओएच डॉ जगन्नाथ सरकार ने कहा है कि जिले में इस मामले को लेकर अभियान की शुरूआत कर दी गयी है. वहलोग मयनागुड़ी के दोमोहानी स्थित एक आश्रम टाइम शिशु होम की जांच कर चुके हैं.इसके अलावा एक जांच टीम का गठन भी किया गया है.श्री सरकार ने आगे कहा कि मुख्य रूप से इस बात की जांच की जा रही है कि ऐसे होम में बच्चे कहां से लाए जा रहे हैं और कौन इन बच्चों को यहां दे जा रहा है.इतना ही नहीं जो होम के ढ़ाचागत सुविधाओं की भी जांच की जा रही है.उन्होंने आगे कहा कि कइ होम के गैर कानूनी रूप से चलाने की भी शिकायतें उन्हें मिल रही है.

होम के कागजातों की भी जांच की जा रही है.नर्सिंग होम से निसंतान दंपती को मोटी रकम लेकर बेचने के आरोप भी सामने आ रहे है. इसी वजह से नर्सिंग होम की भी जांच की जा रही है.सभी नर्सिंग होम के रिकार्ड की भी जांच की जायेगी.दूसरी तरफ जिला समाज कल्याण विभाग के अधीन चाइल्ड प्रोटेक्शन युनिट ने भी अपनी तरफ से जांच शुरू कर दी है. जिला अधिकारी कार्यालय की ओर से सरकारी सहायता प्राप्त गैर स्वयंसेवी संगठनों की जांच के लिए कहा गया है.जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रद्धा सुब्बा ने बताया है कि बच्चों की चोरी का कोइ मामला अबतक सामने नहीं आया है. गोद देने के नाम पर कोइ हेराफेरी हो रही है या नहीं,इसकी जांच की जा रही है.इस काम में पुलिस की भी सहायता ली जायेगी.

क्या कहती हैं जिला अधिकारी
इस संबंध में जलपाइगुड़ी की जिला अधिकारी मुग्धा आर्य ने बताया है कि गोद लेने की एक कानूनी प्रक्रिया है.यह सेवा ऑनलाइन भी उपलब्ध है.आमलोगों को भी सजग रहने की जरूरत है. यदि कोइ कानून का उल्लंघन कर गोद लेने का काम करता है तो उसकी गिरफ्तारी होगी.
क्या है स्थिति
सिलीगुड़ी के ऐडेड क्षेत्र को छोड़कर जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुमोदित आठ नर्सिंग होम हैं.यहीं अनाथ नवजात की देखरेख होती है और कुछ महीनों बाद उत्तर बंगाल के एक मात्र अनुमोदित संगठन जलपाइगुड़ी के उत्तर बंग उन्नयन नामक एक होम को सौंप दिया जाता है. निसंतान दंपती इसी होम से कानूनी प्रक्रिया पूरी कर शिशुओं को गोद ले सकते हैं.इस होम की चेयरपर्सन चंदना चक्रवर्ती ने कहा कि तमाम नियमों को मानकर ही यहां से बच्चे गोद दिये जाते हैं.

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