हटने का नाम नहीं ले रहा पर्यटन उद्योग पर लगा ग्रहण

सिलीगुड़ी. नोटबंदी के कारण पर्यटन उद्योग पर लगा ग्रहण अब-तक नहीं हटा है. आठ नवंबर के बाद से इस उद्योग पर छायी मंदी अभी भी जारी है. सरकार के नोटबंदी का असर असर हर क्षेत्र में पडा है. उत्तर बंगाल के प्रमुख पर्यटन शहर सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, कालिंपोंग, कार्सियांग, मिरिक, चालसा, मालबाजार, लाटागुड़ी, बक्सा जंगल, सेवक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2016 1:32 AM
सिलीगुड़ी. नोटबंदी के कारण पर्यटन उद्योग पर लगा ग्रहण अब-तक नहीं हटा है. आठ नवंबर के बाद से इस उद्योग पर छायी मंदी अभी भी जारी है. सरकार के नोटबंदी का असर असर हर क्षेत्र में पडा है.

उत्तर बंगाल के प्रमुख पर्यटन शहर सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, कालिंपोंग, कार्सियांग, मिरिक, चालसा, मालबाजार, लाटागुड़ी, बक्सा जंगल, सेवक के अलावा इनके आस-पास के भूटान सीमावर्ती पर्यटन केंद्र बिंदु, जयगांव से सटे फुटथोशोलिंग आदि स्थानों पर नोटबंदी के बाद से पर्यटन का ग्राफ गिरा है. इस वजह से पर्यटक केंद्रों पर बने होटल, रेस्तरां, लॉज और छोटे-बड़े बाजारों में भी सन्नाटा छाया हुआ है.

यूं तो गुलाबी ठंड का यह मौसम पर्यटकों के लिए सबसे आकर्षणीय मौसम होता है और प्रत्येक वर्ष ही इस मौसम में उत्तर बंगाल के प्रायः सभी पर्यटन केंद्र देशी-विदेशी पर्यटकों से गुलजार रहते हैं. पर्यटक उद्योग के अलावा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोग पर्यटन के इस तीन-चार महीने में ही रमारमा कारोबार करते हैं. नोटबंदी के बाद से पर्यटन उद्योग के साथ-साथ लोगों के कारोबार पर भी ग्रहण लग गया है.

पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारी सह पर्यटन विशेषज्ञ देवाशीष चक्रवर्ती का कहना है कि पर्यटकों में कमी के कारण पर्यटन केंद्रों के स्थानीय लोगों की दैनिक आय में काफी गिरावट आयी है. इस वजह से लोगों को रोजाना कई तरह की परेशानियों से सामना करना पड़ रहा है. श्री चक्रवर्ती का कहना है कि नोटबंदी की वजह से भले ही महीने-दो महीने पर्यटन उद्योग प्रभावित होगा. लेकिन देश हित में लिया गया नोटबंदी का फैसला केंद्र सरकार का क्रांतिकारी फैसला है. कुछ रोज की परेशानी के बाद जल्द ही सबकुछ सामान्य हो जायेगा. साथ ही उन्होंने पर्यटन उद्योग पर भी लगा ग्रहण जल्द हटने की उम्मीद जाहिर की है.

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