नोटबंदी की मार से इस्कॉन मंदिर में दानपेटी खाली

सिलीगुड़ी. देश के लोगों ने समर्थन देकर ही नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया है. उनके निर्णय के अनुसार देश जिस कैशलेस व्यवस्था की ओर चल पड़ा है,उसी दिशा में सबको पहल करनी चाहिए. यह कहना कि सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी नाम कृष्ण दास का. प्रधानमंत्री और भक्तों का रूख देखकर इस्कॉन मंदिर ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2016 12:49 AM
सिलीगुड़ी. देश के लोगों ने समर्थन देकर ही नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया है. उनके निर्णय के अनुसार देश जिस कैशलेस व्यवस्था की ओर चल पड़ा है,उसी दिशा में सबको पहल करनी चाहिए. यह कहना कि सिलीगुड़ी इस्कॉन मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी नाम कृष्ण दास का. प्रधानमंत्री और भक्तों का रूख देखकर इस्कॉन मंदिर ने भी कैशलेस सिस्टम की ओर कदम बढ़ा दिया है. ऑनलाइन दान सहित खरीददारी के लिये पेटीएम काउंटर खोलने की कवायद तेज कर दी गयी है. भगवान के दर्शन को मंदिर में पहुंचे भक्त नगद नहीं बल्कि अब पेटीएम के माध्यम से भी दान कर सकेंगे. यहां तक कि जूता-चप्पल रखने, पार्किंग, प्रसाद, किताब आदि के लिए भी पेटीएम से भुगतान की व्यवस्था की जा रही है.

उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर को देश के प्रधानमंत्री ने पांच सौ और एक हजार के नोट को रद्द कर दिया है. इसके बाद उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस की ओर मोड़ दिया है. नगद, निकासी, नगद भुगतान से अधिक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री के इस निर्णय के बाद पूरा देश कैशलेस सिस्टम की ओर बढ़ रहा है. सिलीगुड़ी के इस्कॉन मंदिर में भी दान सहित अन्य भुगतान के लिये ऑनलाईन(पेटीएम) की व्यवस्था की जा रही है. इस्कॉन मंदिर प्रबंधन का मानना है कि इस व्यवस्था से भगवान के दर्शन को आनेवाले भक्तों को काफी सुविधा होगी.

नोटबंदी के बाद मंदिरों के दान पेटियों पर भी एक असर जरूर पड़ा है. जहां पहले इस्कॉन मंदिर में सुबह शाम भक्तों की भीड़ लगी रहती थी,वहीं आठ नवंबर के बाद से भक्तों की संख्या में कमी आयी है.दान में भी भारी कमी आयी है. इस बात को मंदिर प्रबंधन ने भी स्वीकार किया है. प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार मंदिर की दानपेटी को प्रत्येक माह खोला जाता है. उसका पूरा हिसाब इस्कॉन की मुख्य शाखा को भेजा जाता है. पहले दानपेटी में नोटों की संख्या अधिक होती थी, लेकिन पिछले एक महीने में दस, बीस के नोट तो पूर्ववत ही मिले हैं लेकिन बड़े नोटों की संख्या में कमी आइ है.
आयकर विभाग ने भी दी है हिदायत
मंदिर के प्रभारी नाम कृष्ण दास ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा पांच सौ और एक हजार के बड़े नोट रद्द किये जाने के बाद आयकर विभाग ने रद्द नोट नहीं लेने का नोटिस दिया है. इसके साथ ही मंदिर को मिले पांच सौ और एक हजार के नोटों की जानकारी भी मांगी गयी. आठ नवंबर के बाद से कइ भक्तों ने ऑनलाइन दान की जानकारी मांगी थी. लेकिन ऑनलाइन दान लेने का हमारे पास कोई रास्ता नहीं था. आयकर विभाग के मुताबिक पहले से ही 25 हजार से अधिक का दान चेक से लिया जाता है. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ने अब कैशलेस की ओर रूख किया है.पूरे देश के साथ समन्वय बनाकर चलना होगा. इसलिए पेटीएम की व्यवस्था की जा रही है.

Next Article

Exit mobile version