नोटबंदीः रूपचंद के घर आयकर छापामारी की हर ओर चरचा
सिलीगुड़ी. नोटबंदी के बाद पहली बार शुक्रवार को सिलीगुड़ी के प्रतिष्ठित उद्योगपति रूपचंद प्रसाद के घर, दुकान-प्रतिष्ठान, गोदाम व सीमेंट फैक्ट्री में दिन भर चली आयकर विभाग की छापामारी में बड़े पैमाने पर नगद रूपये, सोने-चांदी के गहने व संपत्ति से संबंधित जरूरी दस्तावेज बरामद किये गये हैं. लेकिन विभाग की ओर से अब-तक बरामद […]
लेकिन विभाग की ओर से अब-तक बरामद नगदी का खुलासा नहीं किया गया है. छापामारी शुक्रवार को देर रात तक जारी रही. शनिवार को पूरे शहर में दिनभर इसी बात को लेकर चरचा जारी रही. आयकर विभाग के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रूपचंद के यहां दिन-रात चली छापामारी में कई अहम राज का खुलासा हुआ है. उनके घर से बरामद दस्तावेज व जब्त कंप्यूटर के हार्डडिस्क को खंगालने का काम किया जा रहा है. टैली में दर्ज लेन-देन के ब्योरों को विशेष रूप से ख?????ंगाला जा रहा है.विभागीय सूत्रों ने बताया कि कइ कारोबारियों का नाम सामने आया है जिससे श्री प्रसाद भारी लेनदेन करते थे. उनके कारोबार से जुड़े सिलीगुड़ी की कई कारोबारी आयकर विभाग के निशाने पर हैं.
शहर के कई नामी और प्रतिष्ठित कारोबारियों पर भी गाज गिरने की संभावना है. यहां उल्लेखनीय बात यह है कि रूपचंद के सिलीगुड़ी में नयाबाजार के नेहरू रोड स्थित मकान जेपी हाउस, प्रतिष्ठान जेपी इंटरप्राइजेज, कई गोदामों, रांगापानी स्थित हिमाली सीमेंट फैक्ट्री, माटीगाड़ा के उत्तरायण टाउनशीप स्थित दो फ्लैटों के अलावा भूटान के कारोबार से जुड़े जयगांव के प्रतिष्ठान और कोलकाता के आवास एवं दफ्तरों में एक साथ आयकर विभाग ने छापामारी की. उसके बाद से ही कारोबारियों के बीच हड़कंप है. सिलीगुड़ी के कारोबारी काफी डरे-सहमे हुए हैं.
अगर रूपचंद के बाद और किसी कारोबारी के यहां आयकर विभाग का छापा पड़ता है तो कारोबारी काफी दहशत में आ जायेंगे. आयकर विभाग के आधिकारिक सूत्रों की माने तो केवल सिलीगुड़ी ही नहीं, बल्कि कोलकाता व अन्य जगहों के बड़े कारोबारी भी निशाने पर हैं. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद मात्र महीने भर में ही रूपचंद प्रसाद ने करोड़ों की काली कमायी को अवैध तरीके से सादा (पक्का) किये जाने की कोशिश की. कारोबार से जुड़े दर्जनों बैंक एकाउंटों व नाते-रिश्तेदारों के खातों में अवैध तरीके से करोड़ों रूपये के पुराने नोट जमा कराये गए. बैंकों के साथ अवैध तरीके से किये गये लेन-देन के बाद ही रूपचंद आयकर विभाग के निशाने पर आये.