मालदा बीएसएनएल बदहाल, दूर हो रहे ग्राहक

मालदा. जिला बीएसएनल ऑफिस में कामकाज का बुरा हाल है. क्षुब्ध कर्मचारियों का कहना है कि कोई हाल पूछनेवाला नहीं है. नतीजतन दिनोदिन परिसेवा का स्तर गिरता जा रहा है. प्रबंधन कोई कदम नहीं उठा रहा है. बीएसएनएल ऑफिस के काउंटर पर मोबाइल और लैंडलाइन का बिला जमा करने आनेवालों को सोमवार से बिल की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2017 1:54 AM
मालदा. जिला बीएसएनल ऑफिस में कामकाज का बुरा हाल है. क्षुब्ध कर्मचारियों का कहना है कि कोई हाल पूछनेवाला नहीं है. नतीजतन दिनोदिन परिसेवा का स्तर गिरता जा रहा है. प्रबंधन कोई कदम नहीं उठा रहा है. बीएसएनएल ऑफिस के काउंटर पर मोबाइल और लैंडलाइन का बिला जमा करने आनेवालों को सोमवार से बिल की प्रतिलिपि नहीं मिल रही है. कर्मचारियों ने बताया कि कंप्यूटर खराब होने की वजह से बिल नहीं दिया जा रहा है. नयी मशीन मिल नहीं रही है, किसी तरह से काम चलाया जा रहा है. कोई देखने-सुननेवाला नहीं है. सुबह के 11 बजे भी ऑफिस की ज्यादातर कुरसियां खाली पड़ी हुई थीं.

कर्मचारियों ने कहा कि बीएसएनएल अब भगवान भरोसे चल रहा है. विभिन्न संस्थाओं को दिये गये लीज लाइन कनेक्शन के सहारे ही मालदा बीएसएनएल ऑफिस जिंदा है. पांच लीज लाइनों से होनेवाली आमदनी का ही सहारा बचा है. परिसेवा खराब होने की वजह से बीएसएनएल के मोबाइलधारकों की संख्या में भारी कमी आयी है. बीएसएनएल के ब्राड बैंड इंटरनेट की भी यही स्थिति है. बीएसएनएल सूत्रों ने बताया कि जिले में पहले एक लाख से ऊपर मोबाइल कनेक्शन थे. लेकिन अब यह संख्या 50 हजार के नीचे आ गयी है. पहले ब्राड बैंड कनेक्शन 10 हजार थे. अब इनकी संख्या दो हजार से भी कम रह गयी है. कर्मचारियों के एक हिस्से का दावा है कि खराब सेवा की वजह से ग्राहक बीएसएनएल से मुंह मोड़ रहे हैं. एक समय था, जब मालदा बीएसएनएल के 62 हजार लैंडलाइन फोन कनेक्शन थे. अब नौ हजार कनेक्शन ही बचे हैं. इन सबके चलते बीएसएनएल आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो गया है. पहले साल में 27 से 30 करोड़ रुपये की कमाई होती थी, अब यह 4-5 करोड़ रुपये रह गयी है. कमाई गिरने के बाद प्रबंधन ने मालदा बीएसएनएल ऑफिस की खोज-खबर लेनी बंद कर दी है.

मालदा बीएसएनएल के एक जूनियर इंजीनियर ने बताया कि प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि जहां आय होगी खर्च भी वहीं किया जायेगा. मालदा बीएसएनएल ऑफिस में भी यही फारमूला चल रहा है. लेकिन इससे समस्या और बढ़ गयी है. कल-पुरजे, मशीनें, उपकरण आदि नहीं मिलने से परिसेवा दिनोदिन खराब होती जा रही है. इसका खमियाजा ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है.

मजबूर होकर ग्राहक बीएसएनएल से हटते जा रहे हैं. विभिन्न टॉवरों और एक्सचेंजों में बैकअप के लिए लगी 12 बैटरियां चोरी हो गयी हैं. इसका मूल्य 40-50 हजार रुपये है. इस संबंध में बीएसएनएल प्रबंधन ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगायी है. एनएच 34 के चौड़ीकरण के दौरान बीएसएनएल का ऑप्टिकल फाइबर खंड-खंड हो गया है. मालदा शहर की ज्यादातर सड़कें कंक्रीट की हो गयी हैं, जिनके नीचे से केबल ले जाना मुश्किल हो गया है. इसके अलावा कर्मचारियों की भी भारी कमी है. बीते 20 सालों से नयी भरती बंद है. ठेका श्रमिकों को लेकर किसी तरह काम चलाया जा रहा है. जिला के टेलीकॉम जिला मैनेजर शिवराम भट्टाचार्य इन सब सवालों का जवाब नहीं देना चाहते. हालांकि केबल कटने और बैटरी चोरी होने की बात वह स्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा कि समस्या है और उसके समाधान का प्रयास किया जा रहा है.

Next Article

Exit mobile version