भाजपा कार्यकारी समिति की दो दिवसीय बैठक में दिलीप घोष ने कहा, लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा
मालदा: भाजपा नेताओं को निशाना बनाकर जिस तरह झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है, उसे देखते हुए हमें तैयारी रखनी होगी. पार्टी के लीगल सेल को और मजबूत करना होगा. शनिवार को मालदा के टाउन हॉल में भाजपा की कार्यकारी समिति की दो दिवसीय बैठक का उदघाटन करते हुए यह बात पार्टी के राज्य […]
मालदा: भाजपा नेताओं को निशाना बनाकर जिस तरह झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है, उसे देखते हुए हमें तैयारी रखनी होगी. पार्टी के लीगल सेल को और मजबूत करना होगा. शनिवार को मालदा के टाउन हॉल में भाजपा की कार्यकारी समिति की दो दिवसीय बैठक का उदघाटन करते हुए यह बात पार्टी के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष ने कही. इस बैठक में करीब 400 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.
बैठक में शामिल होने पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक कैलाश विजयवर्गीय, सह-पर्यवेक्षक सुरेश पुजारी, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिन्हा, पूर्व अध्यक्ष असीम घोष, राज्य के महासचिव विश्वप्रिय रायचौधरी आदि खास तौर पर पहुंचे हुए हैं.भाजपा के इस सम्मेलन को लेकर शनिवार भोर से ही शहर में तनाव का माहौल रहा.
भाजपा नेताओं का आरोप है कि विरोधियों ने शहर में लगे उनके बैनर, पोस्टर फाड़ दिये और तोरण तोड़ दिये. शहर में विभिन्न जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री अटन बिहार वाजपेयी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की तस्वीरों के साथ जो तोरण बनाये गये थे, उन्हें भी तोड़ दिया गया. इस संबंध में पार्टी के जिला अध्यक्ष सुब्रत कुंडू ने इंगलिशबाजार थाने में शिकायत दर्ज करायी.अपने उदघाटन भाषण में दिलीप घोष ने कहा कि राज्य भाजपा का जिस तरह से उत्थान हुआ है, उससे सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस आतंकित हो गयी है. इसी के चलते वह हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमला कर रही है. झूठे मामलों में उन्हें फंसाया जा रहा है. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में हमारे छात्र संगठन एबीवीपी पर हमला किया जा रहा है. राज्य में कहीं भी भाजपा को सभा नहीं करने दी जा रही है. प्रशासन सत्तारूढ़ पार्टी के लिए काम कर रहा है. भाजपा की सभाओं को अनुमति नहीं दे रहा है. यह भाजपा की शक्ति बढ़ने का सबसे बड़ा प्रमाण है. उन्होंने कहा कि वाम मोरचा शासन के आखिरी दिनों में जिस तरह का माहौल राज्य में बना था, वैसा ही माहौल दोबारा बन रहा है. इससे मालूम होता है कि मौजूदा सरकार की विदाई का समय आ गया है. लोग अब विकल्प चाह रहे हैं.
श्री घोष ने कहा कि भांगड़ में केंद्रीय परियोजना को नहीं लगने दिया जा रहा है. वहां चार गुना दाम देकर जमीन खरीदी गयी है. तृणमूल के गुटीय संघर्ष की वजह से यह स्थिति पैदा हुई है. राज्य सरकार केंद्रीय परियोजना को रद्द नहीं कर सकती. उन्हें हर हाल में सुरक्षा देनी होगी. यही उनका काम है. लेकिन उनसे यह भी नहीं हो पा रहा है. इसके बावजूद मुख्यमंत्री कोलकाता में उद्योग सम्मेलन कर रही हैं. यह जगहंसाई कराने के अलावा कुछ नहीं है. पूरा देश अभी बंगाल की ओर देख रहा है. तृणमूल के नोटबंदी विरोधी आंदोलन में जनता साथ नहीं दे रही है. भाजपा राज्य अध्यक्ष ने कहा कि हमारे खिलाफ हजारों मामले दर्ज किये जायेंगे. हर तरह की लड़ाई के लिए तैयार हूं. कोई भी समस्या हो कार्यकर्ताओं को उससे टकराना होगा. पार्टी को वहां ले जाना होगा. मन को बड़ा करना होगा और दरवाजे खुले रखने होंगे. जिन अल्पसंख्यकों के सहारे यह सरकार सत्ता में आयी थी, वही अल्पसंख्यक हमले का शिकार हो रहे हैं. उनके भी साथ खड़े होना होगा.