24.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डुवार्स के कलाकार विश्वजीत जायेंगे रूस

कामदुनी कांड पर लगायेंगे प्रदर्शनी चाय श्रमिकों की व्यथा भी बतायेंगे जलपाईगुड़ी : कामदुनी घटना सहित उत्तर बंगाल के विभिन्न चाय बागानों में श्रमिकों की भूख एवं बदहाली को पेंटिंग तथा प्रतिमा के जरिये पेश करने वाले कलाकार विश्वजीत घोष रूस यात्रा पर जा रहे हैं. वह रूस के सेंट पीटर्सवर्ग में एक विशेष समारोह […]

कामदुनी कांड पर लगायेंगे प्रदर्शनी
चाय श्रमिकों की व्यथा भी बतायेंगे
जलपाईगुड़ी : कामदुनी घटना सहित उत्तर बंगाल के विभिन्न चाय बागानों में श्रमिकों की भूख एवं बदहाली को पेंटिंग तथा प्रतिमा के जरिये पेश करने वाले कलाकार विश्वजीत घोष रूस यात्रा पर जा रहे हैं.
वह रूस के सेंट पीटर्सवर्ग में एक विशेष समारोह के बीच चाय बागानों के बदहाल श्रमिकों की दुर्दशा पेंटिंग के जरिये पेश करेंगे. इसी महीने उनके सेंट पीटर्सवर्ग जाने का कार्यक्रम है. यहां उल्लेखनीय है कि विश्वजीत घोष ने ब्लैक जर्नी के नाम से पेंटिंग की एक सिरीज बनायी है, जिसमें महिला उत्पीड़न को लेकर चर्चित कामदुनी कांड के साथ ही उत्तर बंगाल में चाय बागान श्रमिकों की बदहाली का भी जिक्र है. यहां बता दें कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में कामदुनी कांड एक बहुत बड़ा मुद्दा बनकर उभरा था.
विपक्ष ने राज्य की तृणमूल सरकार तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त तैयारी से घेरने की कोशिश की थी. विधानसभा चुनाव खत्म हो गया और राज्य में एक बार फिर से ममता बनर्जी ही मुख्यमंत्री बनी. तब से लेकर अब तक लगता है कि सभी ने कामदुनी कांड को भुला दिया है. कहीं भी इस बात की चरचा नहीं चल रही है. कमोबेश यही स्थिति चाय बागान श्रमिकों को लेकर भी रही. विधानसभा चुनाव से पहले हर दिन चाय श्रमिकों की मौत अखबारों की सूर्खियां बन गई थी.
राजनीतिक हलकों में चाय श्रमिकों की दुर्दशा एक बहुत बड़ा मुद्दा था. अब यह मुद्दा भी कामदुनी कांड की तरह गौन हो गया है. राजनीतिक हलकों में भले ही इस बात की चरचा नहीं चल रही हो, लेकिन पेंटर विश्वजीत घोष इन दोनों मामलों को नहीं भूले हैं. वह लगातार इन समस्याओं को पेंटिंग के जरिये प्रदर्शित कर रहे हैं. वह इन दोनों मुद्दों को लेकर कई स्थानों पर अपनी पेंटिंग की प्रदर्शनी कर चुके हैं. अब बारी विदेश की है. वह पहली बार विदेश यात्रा पर जा रहे हैं. रूस के सेंट पीटर्सवर्ग में भी वह इन्हीं मुद्दों को लेकर अपनी पेंटिंग प्रदर्शित करेंगे. जलपाईगुड़ी शहर के किरानीपाड़ा में राजूयाना नाम से श्री घोष का अपना वर्कशॉप है.
वह राज्य खादी बोर्ड की सहायता से इस वर्कशॉप में फाइन आर्ट पर एक कार्यशाला भी आयोजित कर चुके हैं. उनके प्रयास से कई युवकों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराये गये हैं. किसी जमाने में वह शांतिनिकेतन में दाखिला लेना चाहते थे, लेकिन वह सफल नहीं हो सके. फिर भी वह चार साल तक विभिन्न कलाकारों से पेंटिंग सीखते रहे. ब्लैक जर्नी सिरीज में उन्होंने 30 पेंटिंग्स तथा 20 मूर्ति बनाये हैं. सबसे मजेदार बात यह है कि पेंटिंग तथा मूर्ति बनाने में सिर्फ काले रंग का प्रयोग किया गया है. कामदुनी मॉडल को फाइवर ग्लास से बनाकर उस पर काला रंग किया गया है. इसमें दिखाया गया है कि एक युवती के साथ किस तरह से अत्याचार हो रहा है.
इसके अलावा ब्लैक जर्नी सिरीज के दूसरे मॉडल में उन्होंने डुवार्स के विभिन्न बंद चाय बागानों की दुर्दशा का उल्लेख किया है. उन्होंने दिखाया है कि कैसे चाय श्रमिक भूख तथा बीमारी से मर रहे हैं. श्री घोष ने कहा है कि चाय श्रमिकों की स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है.
अभी भी कई चाय बागान बंद पड़े हुए हैं. श्रमिकों तथा उनके परिवार वालों को दाने-दाने के लिए मोहताज होना पड़ रहा है. रूस में अपनी प्रदर्शनी लगाने को लेकर वह काफी रोमांचित हैं. उन्हें खादी विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन की ओर से विदेश भेजा जा रहा है. उन्हें इस आशय का पत्र कमीशन के डिप्टी डायरेक्टर (मार्केटिंग) एमके खमारी ने भेजा है. इस बीच, रूस वह कलाकृतियों को लेकर जायेंगे. मूर्तियों को कारगो विमान से भेजना पड़ेगा. इसके लिए पैसे की आवश्यकता पड़ेगी. उन्होंने यह खर्च जिला प्रशासन से वहन करने की अपील की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels