दार्जिलिंग : भाजपा को गोरखालैंड में नहीं, दार्जिलिंग सीट में रुचि
दार्जिलिंग. भाजपा को गोरखालैंड में नहीं, दार्जिलिंग लोकसभा सीट में रुचि है. यह कहना है गोरामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता नीरज जिम्बा का. एक बातचीत में श्री जिम्बा ने आरोप लगाया कि अगर भाजपा गोरखालैंड को लेकर गंभीर होती, तो लोकसभा में उसकी सरकार इस संबंध में विधेयक पेश कर चुकी होती. अभी केंद्र में भाजपा […]
दार्जिलिंग. भाजपा को गोरखालैंड में नहीं, दार्जिलिंग लोकसभा सीट में रुचि है. यह कहना है गोरामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता नीरज जिम्बा का. एक बातचीत में श्री जिम्बा ने आरोप लगाया कि अगर भाजपा गोरखालैंड को लेकर गंभीर होती, तो लोकसभा में उसकी सरकार इस संबंध में विधेयक पेश कर चुकी होती. अभी केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है. वह चाहे तो आसानी से अलग गोरखालैंड राज्य बनवा सकती है. लेकिन भाजपा की नजर केवल दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर है.
गोरामुमो गोरखालैंड की मांग को लेकर किस तरह की कार्यनीति तैयार कर रही है? इस प्रश्न के जवाब में श्री जिम्बा ने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है. हम छठी अनुसूची के जरिये गोरखालैंड का गठन चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर सन 2007 में छठी अनुसूची का विरोध नहीं किया गया होता, तो आज हम गोरखालैंड राज्य का स्थापना दिवस मना रहा होते. छठी अनुसूची के विरोध का नतीजा गोरखाओं को भुगतना पड़ रहा है.
गारामुमो ने अपनी स्थापना के समय से ही गोरखालैंड के नाम पर आंदोलन चलाया था, जिसमें 1200 लोग शहीद भी हुए थे. लेकिन आज आप लोग छठी अनुसूची की बात क्यों कर रहे हैं? इस सवाल पर श्री जिम्बा ने कहा कि समय और परिवेश के साथ राजनीतिक स्थितियां बदल जाती हैं. उन्होंने कहा कि गोरामुमो के मार्ग भले लंबा हो, पर छठी अनुसूची का मार्ग ही सच्चा है.