मालदा : पशु-पक्षियों के साथ प्रेम करने तथा उसकी देख-रेख करने पर भाषण देने वाले को ट्राफी मिल जायेंगे, लेकिन पशु तथा पक्षियों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले कम ही लोग मिलते हैं. इन्हीं कम लोगों में से एक नाम मालदा शहर के विधानपल्ली के रहने वाले प्रतुल कुमार कुंडू का है. वह पिछले 30 साल से लगातार पशु-पक्षियों की सेवा कर रहे हैं. ठंड हो या गरमी या फिर घोर बरसात, वह कभी भी पशु-पक्षियों की सेवा करने से नहीं चुकते हैं. यही वजह है कि हर दिन सुबह होते ही उनके घर के छत पर तरह-तरह के पक्षियों का जमावड़ा लग जाता है.
वह चावल, दाल, गेहूं पक्षियों को दाना डालते हैं. उसके बाद वह अपने घर के सामने गाय, बैल तथा आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं. मालदा शहर में उनके अलावा और कोई नहीं है जो पशु-पक्षियों की इस तरह से सेवा करता हो. उनके इस कार्य से विधानपल्ली इलाके के लोग भी गौरवान्वित महसूस करते हैं. उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है. प्रतुल कुमार कुंडू मुख्य रूप से कपड़े का कारोबार करते हैं. उनकी उम्र अब काफी हो चली है. इसलिए वह अपने कपड़े की दुकान पर कम ही बैठते हैं. मुख्य रूप से कपड़े की दुकान की जिम्मेदारी उनके बेटों ने संभाल रखी है. फिर भी श्री कुंडू को जब भी मौका लगता है, वह दुकान जाते हैं. ऐसा नहीं है कि वह इन दिनों दुकान में कम बैठने लगे हैं, इसलिए पशु-पक्षियों की सेवा करने लगे हैं. वास्तविकता तो यह है कि जब वह 40 वर्ष के थे, तभी से पक्षियों को दाना खिलाने लगे थे. इसके अलावा गाय, बैलों को भी चारा देते थे. सड़क पर घुमने वाले आवारा कुत्तों को जहां आम लोग खदेड़ देते हैं, वहीं श्री कुंडू ऐसे कुत्तों को पुचकारते हैं. अब उनकी उम्र करीब 70 साल की हो चुकी है. पिछले 30 सालों से उनकी यह रूटीन लगातार जारी है.
इस संबंध में प्रतुल कुमार कुंडू का कहना है कि पशु-पक्षियों का सीधा संपर्क प्रकृति के साथ है. लेकिन उनको कोई देखने वाला नहीं है. पर्यावरण की रक्षा के लिए पशु-पक्षियों की रेख-रेख करना भी जरूरी है. लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं. बड़े-बड़े भवन बनाने के लिए पेड़ों की बलि ली जा रही है. ऐसे में भला पक्षी कहां रहेंगे. यही सब सोचकर वह पक्षियों को दाना खिलाते हैं. वह हर दिन ही आठ से दस किलो चावल-गेहूं के साथ ही रोटी, मूड़ी, बिस्कुट, पावरोटी आदि की व्यवस्था कर पशु-पक्षियों को खिलाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि पशु-पक्षियों को दाना खिलाने के लिए वह मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं. मोबाइल फोन पर होने वाले खर्च को वह बचाते हैं. गाड़ी पर चढ़ने या मोटरसाइकिल से चलने का उनको कोई शौक नहीं है. वह तेल के मद में भी पैसे बचा लेते हैं.
जरूरत पड़ने पर बच्चे भी उनकी मदद करते हैं. श्री कुंडू ने आगे बताया कि हर दिन वह सुबह-सुबह नियमित रूप से छत पर जाते हैं. वहीं पक्षियों को दाना डालते हैं. सैकड़ों की संख्या में पक्षी आते हैं. दाना चुगकर वापस लौट जाते हैं. उसके बाद वह छत से नीचे अपने घर के सामने गाय-बैल आदि जानवरों के खाने की व्यवस्था करते हैं. उन्होंने कहा कि उनके इस सामाजिक कार्य की इंगलिश बाजार नगरपालिका ने भी सराहना की है. नगरपालिका ने उन्हें सम्मानित करने का भी निर्णय लिया है. इस संबंध में नगरपालिका के वाइस चेयरमैन बाबला सरकार ने कहा कि प्रतुल कुंडू उनके पास के वार्ड में ही रहते हैं. वह जिस तरह से पशु-पक्षियों की सेवा करते हैं, वह सराहनीय है. ऐसे लोगों का मिल पाना मुश्किल है. दूसरे लोगों को भी उनसे शिक्षा लेकर पशु-पक्षियों की मदद करनी चाहिए.