कल्याण का केंद्र बने धार्मिक भवन : समणी रत्न प्रज्ञा
सिलीगुड़ी: भवन या जीवन के निर्माण में नींव का बड़ा योगदान होता है. यदि नींव पवित्र, मजबूत हो, तो उसका मकान मजबूत होगा. जहां ओम अर्हम् के मंत्रोच्चार से जिसकी नींव पड़ी हो, उसकी नींव ओम् भीक्षु की हो, तो वहां शुभ और पवित्र कार्य होंगे. और इसका लाभ पूरे संसार को होगा. उत्तर बंगाल […]
सिलीगुड़ी: भवन या जीवन के निर्माण में नींव का बड़ा योगदान होता है. यदि नींव पवित्र, मजबूत हो, तो उसका मकान मजबूत होगा. जहां ओम अर्हम् के मंत्रोच्चार से जिसकी नींव पड़ी हो, उसकी नींव ओम् भीक्षु की हो, तो वहां शुभ और पवित्र कार्य होंगे. और इसका लाभ पूरे संसार को होगा. उत्तर बंगाल का सबसे बड़ा धार्मिक बनने जा रहा है. मैं चाहूंगी कि यह धार्मिक गतिविधयों में भी यह उत्तर बंगाल ही नहीं. देश में सबसे बड़ा स्थान हासिल करे.
यह कहना है आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या समणी रत्न प्रभा जी का. गौरतलब है कि रविवार को सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी रोड, बीएसएफ कैंप, राधाबाड़ी के सामने श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा की ओर 72 हजार वर्ग फुट के भवन का शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया. भवन का शिलान्यास जयचंद लाल लूणावत ने किया. कार्यक्रम का शुभारंभ गुरू वंदना से हुआ. समणी ने बताया कि ज्ञान, दर्शन, चरित और तप ही मोझ का रास्ता है. और हमें इस मार्ग पर संकल्प और साधना, दो साथियों के साथ पहुंचना है.
वर्ष 2016 के पहले दो मंजिला भवन तैयार करने की परियोजना है. आचार्य श्री महाश्रमण का आगमन पहली बार शहर में होगा .इस भवन में लॉन, कीचन, शादी-ब्याह सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ योग-साधना व आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए सुविधा से सम्पन्न गृह का निर्माण किया जाएगा.
इस पावन अवसर पर समणी मुकुल प्रभा, सभा के अध्यक्ष नव रतन पारख, सचिव नरेंद्र सिंगी, भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष बाबू लाल लूणावत, शिलान्यास कार्यक्रम के संजय नाहटा, महिला मंडल की अध्यक्षा विमल भंसाली, तेयुप के अध्यक्ष सुनील पुगलिया, महासभा के सह मंत्री बजरंग सेठिया, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मेघराज सेठिया, उपाध्यक्ष सुरेंद्र सेठिया सहित जैन समाज के विशिष्ठ सदस्य उपस्थित थे.